सूचना का अधिकार, वैश्विक दृष्टिकोण

एक उदार लोकतांत्रिक समाज के लिए धर्म विशेष मानने की आजादी, भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा सूचना प्राप्त करने की स्वतंत्रता होना आवश्यक है। भारत में सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 लागू होने से पहले सार्वजनिक कार्यों का विवरण आम नागरिक को देना सरकार/प्राधिकरण का विवेकाधीन अधिकार था।

सूचना के अधिकार को व्यापक रूप से दो वर्गों में वर्गीकृत किया जाता हैः

1. सरकार के कार्यों की सूचना का अधिकार

2. निजी व्यक्तियों के कार्यों की सूचना का अधिकार

सूचना का अधिकार, वैश्विक दृष्टिकोण

1948 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकारों की रक्षा करने की सार्वभौमिक घोषणा करने के बाद पूरे विश्व ....

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