दंड प्रक्रिया संहिता में व्यवस्थाएं

हालांकि, भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता का अधिकार दिया गया है लेकिन आज भी महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति अपेक्षाकृत अच्छी नहीं है। वैश्विक विकास के परिदृश्य में महिलाओं की निम्न आर्थिक स्थिति, पितृसत्तात्मक समाज, सामंती मूल्यों और जातिगत भेद-भाव के कारण महिलाएँ अपने संवैधानिक अधिकारों को वास्तविक रूप में प्राप्त नहीं कर पाई हैं। महिलाओं की सामाजिक स्थिति को देखते हुए संविधान में महिलाओं के प्रति सकारात्मक रूप से कई प्रावधान किए गए हैं। जहां पश्चिमी देशों की महिलाओं को अपने देश के संविधान में मौलिक अधिकार (जैसे वोट देने का ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

विशेष