भारतीय शहरों में जलवायु संधारणीयता का विकास
भारतीय शहरों में जलवायु संधारणीयता विकसित करना एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसमें शहरीकरण, औद्योगिकीकरण, जनसंख्या वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के संतुलन को ध्यान में रखना आवश्यक है।
- तेजी से बढ़ते भारतीय शहरों को जलवायु संवहनीयता की दिशा में अग्रसर करने के लिए नीतिगत सुधार, नवाचार, और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता है।
प्रमुख चुनौतियां
- वायु प्रदूषण: भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। वाहनों, उद्योगों, निर्माण कार्यों और घरेलू ईंधन जलाने से उत्पन्न धुआं और रसायन वायु गुणवत्ता को खराब करते हैं। वायु प्रदूषण से श्वसन ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।
मुख्य विशेष
- 1 अक्षय ऊर्जा में भारत की वर्तमान उपलब्धियां
- 2 हीट वेव: कारण, प्रभाव और परिणाम
- 3 भारतीय हिमालयी क्षेत्र में प्लास्टिक प्रदूषण
- 4 भारत में बांध प्रबंधन और जल सुरक्षा
- 5 शहरी बाढ़ : कारण और प्रबंधन
- 6 जलवायु परिवर्तन प्रेरित आपदाएं : भारत की तैयारी और चुनौतियां
- 7 हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र की भेद्यता: आपदा प्रबंधन की चुनौतियां
- 8 प्लास्टिक प्रदूषण: पर्यावरण पर प्रभाव और प्रबंधन के प्रयास
- 9 भारत में ग्रे वॉटर प्रबंधन की चुनौतियां
- 10 भारत में ब्लैक कार्बन उत्सर्जन : नियंत्रण की आवश्यकता
- 11 मैंग्रोव: खतरे और संरक्षण की आवश्यकता
- 12 भारत के पारिस्थितिक-संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़ी चुनौतियां
- 13 आक्रामक विदेशी प्रजातियों का खतरा: आर्थिक और पारिस्थितिक निहितार्थ
- 14 भारत की शहरी आर्द्रभूमि: चुनौतियां और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
- 15 भारत के जैव विविधता हॉटस्पॉट: प्रमुख पारिस्थितिक खतरे
- 16 जलवायु सेवाओं के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क: आवश्यकता, चुनौतियां और उपाय
- 17 जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध मौलिक अधिकार
- 18 श्रम पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- 19 शहरी भारत में बढ़ता हीट स्ट्रेस
- 20 भारत में कार्बन ट्रेडिंग: चुनौतियां और अनिवार्यताएं
- 21 भारत का भू-जल संसाधन : प्रबंधन चुनौतियां और पहलें
- 22 मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता : मुख्य अनिवार्यताएं
- 23 पर्यावरणीय प्रभाव आकलन : खामियां और प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु आवश्यक कदम
- 24 भारत में हरित वित्तपोषण: पहल और चुनौतियां
- 25 बायोमास- ऊर्जा का दोहन: चुनौतियां और उपाय
- 26 कोयले का चरणबद्ध उन्मूलन: भारत के समक्ष चुनौतियां
- 27 इलेक्ट्रिक वाहन : संबद्ध समस्याएं एवं संभावित हाइब्रिड समाधान
- 28 सतत कृषि : कृषि वानिकी एवं शून्य बजट प्राकृतिक कृषि की भूमिका
- 29 सतत विकास लक्ष्य की दिशा में भारत की प्रगति: आलोचनात्मक मूल्यांकन
- 30 भारत में पर्यावरणीय लेखांकन
- 31 सर्कुलर इकोनॉमी एवं भारत: चुनौतियां एवं अवसर
- 32 संपीडित बायोगैस (CBG): ऊर्जा सुरक्षा हेतु आवश्यक
- 33 पर्यावरणीय रूप से धारणीय शहरों का निर्माण
- 34 शहरी कृषि: आवश्यकता एवं लाभ
- 35 भारत में सतत रेत खनन
- 36 भारत में वाहन स्क्रैपेज
- 37 भारत में प्लास्टिक प्रदूषण
- 38 भारत में जैविक कृषिः स्थिति एवं सरकार के प्रयास
- 39 जैव विविधता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- 40 जलवायु परिवर्तन में कृषि की भूमिका
- 41 कार्बन असमानता: प्रभाव एवं समाधान
- 42 आक्रामक प्रजातियां: संबंधित मुद्दे एवं आवश्यक प्रयास
- 43 सामान्य अध्ययन 100 अति संभावित विषय - जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण (जीएस पेपर-3)
- 44 सामान्य अध्ययन 100 अति संभावित विषय - कृषि एवं संबंधित क्षेत्र (जीएस पेपर-3)
- 45 सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - प्रौद्योगिकी विकास (जीएस पेपर-3)
- 46 सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - कृषि एवं संबंधित क्षेत्र (जीएस पेपर-3)
- 47 सामान्य अध्ययन 90 महत्वपूर्ण विषय - कृषि एवं संबंधित क्षेत्र (जीएस पेपर-3)
- 48 सामान्य अध्ययन 90 महत्वपूर्ण विषय - प्राकृतिक संसाधान (जीएस पेपर-3)