भारत में पर्यावरणीय लेखांकन
पर्यावरणीय-लेखांकन का उद्देश्य सतत विकास प्राप्त करना, सामुदायिक अनुकूलन को बनाए रखना तथा प्रभावी एवं कुशल पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों को आगे बढ़ाना है। पर्यावरणीय-लेखांकन की आरंभिक प्रक्रिया यूरोपीय देशों से आरंभ हुई थी तथा इसे आरंभ करने वाले देशों में नॉर्वे को सर्वप्रमुख माना जा सकता है। पर्यावरणीय-लेखांकन की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- इस प्रकार की लेखांकन प्रक्रियाएं किसी कंपनी को उसकी व्यावसायिक गतिविधियों के दौरान पर्यावरण संरक्षण की लागत की पहचान करने तथा ऐसी गतिविधियों से प्राप्त लाभ की पहचान करने एवं मात्रत्मक माप (मौद्रिक मूल्य या भौतिक इकाइयों में) का सर्वोत्तम संभव साधन प्रदान करती हैं।
- पर्यावरणीय-लेखांकन के माध्यम से ....
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मुख्य विशेष
- 1 अक्षय ऊर्जा में भारत की वर्तमान उपलब्धियां
- 2 हीट वेव: कारण, प्रभाव और परिणाम
- 3 भारतीय शहरों में जलवायु संधारणीयता का विकास
- 4 भारतीय हिमालयी क्षेत्र में प्लास्टिक प्रदूषण
- 5 भारत में बांध प्रबंधन और जल सुरक्षा
- 6 शहरी बाढ़ : कारण और प्रबंधन
- 7 जलवायु परिवर्तन प्रेरित आपदाएं : भारत की तैयारी और चुनौतियां
- 8 हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र की भेद्यता: आपदा प्रबंधन की चुनौतियां
- 9 प्लास्टिक प्रदूषण: पर्यावरण पर प्रभाव और प्रबंधन के प्रयास
- 10 भारत में ग्रे वॉटर प्रबंधन की चुनौतियां
- 11 भारत में ब्लैक कार्बन उत्सर्जन : नियंत्रण की आवश्यकता
- 12 मैंग्रोव: खतरे और संरक्षण की आवश्यकता
- 13 भारत के पारिस्थितिक-संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़ी चुनौतियां
- 14 आक्रामक विदेशी प्रजातियों का खतरा: आर्थिक और पारिस्थितिक निहितार्थ
- 15 भारत की शहरी आर्द्रभूमि: चुनौतियां और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
- 16 भारत के जैव विविधता हॉटस्पॉट: प्रमुख पारिस्थितिक खतरे
- 17 जलवायु सेवाओं के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क: आवश्यकता, चुनौतियां और उपाय
- 18 जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध मौलिक अधिकार
- 19 श्रम पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- 20 शहरी भारत में बढ़ता हीट स्ट्रेस
- 21 भारत में कार्बन ट्रेडिंग: चुनौतियां और अनिवार्यताएं
- 22 भारत का भू-जल संसाधन : प्रबंधन चुनौतियां और पहलें
- 23 मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता : मुख्य अनिवार्यताएं
- 24 पर्यावरणीय प्रभाव आकलन : खामियां और प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु आवश्यक कदम
- 25 भारत में हरित वित्तपोषण: पहल और चुनौतियां
- 26 बायोमास- ऊर्जा का दोहन: चुनौतियां और उपाय
- 27 कोयले का चरणबद्ध उन्मूलन: भारत के समक्ष चुनौतियां
- 28 इलेक्ट्रिक वाहन : संबद्ध समस्याएं एवं संभावित हाइब्रिड समाधान
- 29 सतत कृषि : कृषि वानिकी एवं शून्य बजट प्राकृतिक कृषि की भूमिका
- 30 सतत विकास लक्ष्य की दिशा में भारत की प्रगति: आलोचनात्मक मूल्यांकन
- 31 सर्कुलर इकोनॉमी एवं भारत: चुनौतियां एवं अवसर
- 32 संपीडित बायोगैस (CBG): ऊर्जा सुरक्षा हेतु आवश्यक
- 33 पर्यावरणीय रूप से धारणीय शहरों का निर्माण
- 34 शहरी कृषि: आवश्यकता एवं लाभ
- 35 भारत में सतत रेत खनन
- 36 भारत में वाहन स्क्रैपेज
- 37 भारत में प्लास्टिक प्रदूषण
- 38 भारत में जैविक कृषिः स्थिति एवं सरकार के प्रयास
- 39 जैव विविधता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- 40 जलवायु परिवर्तन में कृषि की भूमिका
- 41 कार्बन असमानता: प्रभाव एवं समाधान
- 42 आक्रामक प्रजातियां: संबंधित मुद्दे एवं आवश्यक प्रयास
- 43 सामान्य अध्ययन 100 अति संभावित विषय - जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण (जीएस पेपर-3)
- 44 सामान्य अध्ययन 100 अति संभावित विषय - कृषि एवं संबंधित क्षेत्र (जीएस पेपर-3)
- 45 सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - प्रौद्योगिकी विकास (जीएस पेपर-3)
- 46 सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - कृषि एवं संबंधित क्षेत्र (जीएस पेपर-3)
- 47 सामान्य अध्ययन 90 महत्वपूर्ण विषय - कृषि एवं संबंधित क्षेत्र (जीएस पेपर-3)
- 48 सामान्य अध्ययन 90 महत्वपूर्ण विषय - प्राकृतिक संसाधान (जीएस पेपर-3)