भारत में पर्यावरणीय लेखांकन

पर्यावरणीय-लेखांकन का उद्देश्य सतत विकास प्राप्त करना, सामुदायिक अनुकूलन को बनाए रखना तथा प्रभावी एवं कुशल पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों को आगे बढ़ाना है। पर्यावरणीय-लेखांकन की आरंभिक प्रक्रिया यूरोपीय देशों से आरंभ हुई थी तथा इसे आरंभ करने वाले देशों में नॉर्वे को सर्वप्रमुख माना जा सकता है। पर्यावरणीय-लेखांकन की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • इस प्रकार की लेखांकन प्रक्रियाएं किसी कंपनी को उसकी व्यावसायिक गतिविधियों के दौरान पर्यावरण संरक्षण की लागत की पहचान करने तथा ऐसी गतिविधियों से प्राप्त लाभ की पहचान करने एवं मात्रत्मक माप (मौद्रिक मूल्य या भौतिक इकाइयों में) का सर्वोत्तम संभव साधन प्रदान करती हैं।
  • पर्यावरणीय-लेखांकन के माध्यम से ....
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