मैंग्रोव: खतरे और संरक्षण की आवश्यकता

मैंग्रोव उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में तटीय अंतर-ज्वारीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र हैं। वे कई पारिस्थितिक, आर्थिक और सामाजिक लाभ प्रदान करते हैं, फिर भी उन्हें मानवीय गतिविधियों और प्राकृतिक कारकों से गंभीर खतरों का सामना करना पड़ता है। इन खतरों को समझना और प्रभावी संरक्षण रणनीतियों को लागू करना मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

मैंग्रोव के लिए खतरा

    1.वनों की कटाई

    • कृषि विस्तार : मैंग्रोव क्षेत्रों को चावल के खेतों, झींगा फार्मों और ताड़ के तेल के बागानों में परिवर्तित करना।
    • शहरी विकास : तटीय शहरों का रियल ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

मुख्य विशेष