भारत का भू-जल संसाधन : प्रबंधन चुनौतियां और पहलें

भू-जल से तात्पर्य जल की उस मात्रा से है, जो पृथ्वी की सतह के नीचे संतृप्त मृदा एवं चट्टानों की परतों में स्थित होती है।

  • यह पृथ्वी के सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक माना जाता है तथा पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने, मानव गतिविधियों का समर्थन करने और विश्व भर में लाखों लोगों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • देश के कुल भू-जल की कमी वाले क्षेत्रों का 95 प्रतिशत हिस्सा उत्तर भारत में अवस्थित है। शोधकर्ताओं ने भू-जल में कमी (Groundwater Depletion) की स्थिति को गंभीर बताया है।

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