अधिकार आधारित दृष्टिकोण के कार्यान्वयन की रूपरेखा

विकास तथा सामाजिक न्याय के लिए अधिकार आधारित दृष्टिकोण को लागू करने में कुछ महत्वपूर्ण चरणों का ध्यान रखा जाना चाहिए।

अधिकारों को पारिभाषित करना

विकास तथा सामाजिक न्याय के संबंध में लक्षित लोगों तथा समूहों के अधिकारों की पहचान करना पहला महत्वपूर्ण चरण है। इसके अंतर्गत ना केवल आवश्यक अधिकारों की पहचान की जाती है, बल्कि किसी एक अधिकार से ‘जुड़े हुए अन्य अधिकारों’(Other linked Rights) की भी पहचान की जाती है।

  • उदाहरण के लिए भारत में बच्चों का ‘शिक्षा का अधिकार’(Right to Education) उनके माता-पिता के ‘आजीविका के अधिकार’(Right to Livelihood) से जुड़ा हुआ है। जब तक किसी परिवार ....
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