लैंगिक संवेदनशीलता

लैंगिक संवेदनशीलता का तात्पर्य लिंग-संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता और समझ तथा संवेदनशीलता एवं सम्मान के साथ उनसे निपटने की क्षमता से है।

लैंगिक संवेदनशीलता के तत्व

  • लैंगिक रूढ़िवादिता को पहचानना और उसका प्रतिकार करना।
  • उन विभिन्न तरीकों से अवगत होना, जिनसे लैंगिक मुद्दे अन्य कारकों, जैसे नस्ल, वर्ग पहचान के साथ प्रतिच्छेद कर सकते हैं।
  • सभी लिंग के लोगों के लिए समान अधिकारों, अवसरों और व्यवहार को बढ़ावा देना।
  • लिंग आधारित हिंसा का विरोध।
  • लिंग-आधारित भूमिकाओं को लेकर सामाजिक रूढ़िवादिता का प्रतिकार। समावेशी भाषा का उपयोग करना और संचार में लैंगिक धारणाओं या रूढ़िवादिता से बचना।
  • उन नीतियों और प्रथाओं का क्रियान्वयन जो ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

मुख्य विशेष