यलो हिमालयन फ्रिटिलेरी

यह पौधा मुख्य रूप से भूटान, चीन, भारत, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है।

  • यह प्रजाति अकुशल हार्वेस्ट, अत्यधिक दोहन तथा इसके कंदों (Bulbs) की असंधारणीय एवं समय पूर्व प्राप्ति तथा अवैध बाजारों में बिक्री के कारण खतरे का सामना कर रही है।
  • यह दमा रोधी, एंटीह्यूमेटिक, ज्वरनाशक, गैलेक्टागाग, हेमोस्टेटिक, आप्थाल्मिक तथा ऑक्सीटॉसिक में औषधीय रूप से उपयोगी है। ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष