जैव ईंधन के उत्पादन पर आधारित श्रेणियां

पहली पीढ़ी के जैव ईंधन (1जी): ये खाद्य फसलों (मकई, सोया, गन्ना आदि) के भंडार पर निर्भर करते हैं। जैव इथेनॉल और बायोडीजल इसके उदाहरण हैं।

  • दूसरी पीढ़ी के जैव ईंधन (2जी): इसे उन्नत जैव ईंधन के रूप में भी जाना जाता है; इसके निर्माण में सूखे पौधों, लकड़ी आदि के बायोमास का उपयोग किया जाता है। इसमें इथेनॉल एवं जैव सीएनजी आदि जैसे ईंधन निर्मित होते हैं।
  • तीसरी पीढ़ी के जैव ईंधन (3जी): 3जी जैव ईंधन अपने ऊर्जा स्रोत के रूप में शैवाल जैसी ऊर्जा फसलों पर निर्भर करते हैं। शैवाल को कम लागत, उच्च ऊर्जा और पूरी तरह ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष