आर्कटिक प्रवर्धन

सतही वायु तापमान और शुद्ध विकिरण संतुलन में कोई भी परिवर्तन उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर बड़े परिवर्तन उत्पन्न करता है। इस घटना को ‘ध्रुवीय प्रवर्धन’ (Polar Amplification) कहा जाता है। ये परिवर्तन उत्तरी अक्षांशों पर अधिक स्पष्टतः देखे जाते हैं, जो आर्कटिक प्रवर्धन (Arctic Amplification) के रूप में जाने जाते हैं।

  • इस प्रवर्धन के लिये कई ग्लोबल वार्मिंग प्रेरित कारण उत्तरदायी है, जिसमें बर्फ-एल्बिडो प्रतिक्रिया, गिरावट दर प्रतिक्रिया (Lapse Rate Feedback), जल वाष्प प्रतिक्रिया और समुद्री ताप परिवहन शामिल हैं।
  • ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप आर्कटिक महासागर की समुद्री बर्फ घट रही है। समुद्री बर्फ के पिघलने से आर्कटिक महासागर ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष