थ्री पैरंट बेबी टेक्नोलॉजी/माइटोकांड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी

थ्री बेबी टेक्नोलॉजी को आईवीएफ टेक्नोलॉजी (IVF Technology) का ही विकसित रूप माना जाता है। इसके अंतर्गत संतान की उत्पत्ति के लिए पिता के शुक्राणु के साथ माता के अंडाणु एवं एक अन्य प्रदाता महिला के अंडाणु को शामिल किया जाता है।

  • इस तकनीक के अंतर्गत माता के खराब माइटोकॉन्ड्रिया (Disordered mitochondria) को दाता (Doner) महिला के स्वस्थ माइटोकॉन्ड्रिया द्वारा बदला जाता है। तत्पश्चात, इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक (In-Vitro Fertilization Technique) के द्वारा अंडाणु को सहयोगी के शुक्राणु के साथ निषेचित कराकर प्राप्त युग्मनज (Zygote) का प्रारंभिक भ्रूण को विकसित किया जाता है। अंत में, इस विकसित भ्रूण को माता अथवा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष