बैलिस्टिक मिसाइल

यह अपने उड़ान पथ में अधिकांशतः 'बैलिस्टिक प्रक्षेप वक्र' का पालन करती है।

  • इसे आरंभिक चरण में रॉकेट बूस्टर के माध्यम से एक निश्चित ऊंचाई तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद बूस्टर अलग हो जाते हैं और मिसाइल गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की ओर तेजी से गिरते हुए लक्ष्य पर हमला करती है।
  • यह मिसाइल लॉन्च मोड, रेंज एवं प्रोपल्शन सिस्टम पर आधारित है।पृथ्वी-I, पृथ्वी-II, अग्नि-I, अग्नि-II तथा धनुष बैलिस्टिक मिसाइल इसके प्रमुख उदाहरण ....
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