अध्याय 4: बाह्य क्षेत्र
- मुद्रास्फीति तथा भू-राजनीतिक बाधाओं के बावजूद भारत के बाह्य क्षेत्र में मजबूती बनी रही।
- दुनिया के 139 देशों में भारत की स्थिति विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में छह पायदान बेहतर हुई। भारत की स्थिति 2018 के 44वें स्थान से बेहतर होकर 2023 में 38वें पायदान पर पहुंच गई।
- व्यापारिक आयात में कमी और सेवा निर्यात वृद्धि ने चालू खाता घाटे में सुधार किया है, जो वित्त वर्ष 2024 में घटकर 0.7 प्रतिशत रह गया है।
- वैश्विक वस्तु एवं सेवा निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है। वैश्विक वस्तु निर्यात में देश की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024 में 1.8 प्रतिशत रही, ....
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- 1 अध्याय 13:जलवायु परिवर्तन और भारत
- 2 अध्याय 12:अवसंरचना
- 3 अध्याय 11: सेवाएं
- 4 अध्याय 10: मध्यम एवं लघु उद्योग
- 5 अध्याय 9: कृषि और खाद्य प्रबंधन
- 6 अध्याय 8: रोजगार और कौशल विकास
- 7 अध्याय 7: सामाजिक क्षेत्र
- 8 अध्याय 6: जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा स्रोतों में बदलाव को अपनाना
- 9 अध्याय 5: मध्य अवधि दृष्टिकोण- न्यू इंडिया के लिए विकास रणनीति
- 10 अध्याय 3: कीमतें और मुद्रास्फीति
- 11 अध्याय 2: मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थता
- 12 अध्याय 1: आर्थिक स्थिति – स्थिर
- 13 पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
- 14 सामाजिक अवसंरचना और रोजगार
- 15 भौतिक और डिजिटल अवसंरचना
- 16 बाह्य क्षेत्र
- 17 सेवा क्षेत्र
- 18 उधोग एवं निवेश
- 19 कृषि एवं खाद्य प्रबंधन
- 20 वस्तुओं के मूल्य एवं महंगाई
- 21 मौद्रिक प्रबंधान और वित्तीय स्थिरता
- 22 राजकोषीय स्थिति
- 23 2014-22 के दौरान विकास परिदृश्य
- 24 आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22