आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी, 2022 को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 पेश किया। इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण का मूल विषय “त्वरित दृष्टिकोण” है, जिसे कोविड-19 महामारी की स्थिति में भारत के आर्थिक क्रियाकलाप के माध्यम से कार्यान्वित किया गया है। इसके अलावा, आर्थिक सर्वेक्षण की प्रस्तावना यह बताती है कि यह “समग्र दृष्टिकोणय्” फीडबैक, वास्तविक निष्कर्षों की तत्काल निगरानी, व्यावहारिक प्रतिक्रियाओं, सुरक्षा संबंधी उपायों आदि पर आधारित है।
क्षेत्रवार अध्यायों के साथ-साथ, इस वर्ष की समीक्षा में एक नया अध्याय जोड़ा गया है, जो शहरीकरण, बुनियादी सुविधाओं, पर्यावरण प्रभाव, खेती के प्रचलनों आदि ....
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- 1 अध्याय 13:जलवायु परिवर्तन और भारत
- 2 अध्याय 12:अवसंरचना
- 3 अध्याय 11: सेवाएं
- 4 अध्याय 10: मध्यम एवं लघु उद्योग
- 5 अध्याय 9: कृषि और खाद्य प्रबंधन
- 6 अध्याय 8: रोजगार और कौशल विकास
- 7 अध्याय 7: सामाजिक क्षेत्र
- 8 अध्याय 6: जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा स्रोतों में बदलाव को अपनाना
- 9 अध्याय 5: मध्य अवधि दृष्टिकोण- न्यू इंडिया के लिए विकास रणनीति
- 10 अध्याय 4: बाह्य क्षेत्र
- 11 अध्याय 3: कीमतें और मुद्रास्फीति
- 12 अध्याय 2: मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थता
- 13 अध्याय 1: आर्थिक स्थिति – स्थिर
- 14 पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
- 15 सामाजिक अवसंरचना और रोजगार
- 16 भौतिक और डिजिटल अवसंरचना
- 17 बाह्य क्षेत्र
- 18 सेवा क्षेत्र
- 19 उधोग एवं निवेश
- 20 कृषि एवं खाद्य प्रबंधन
- 21 वस्तुओं के मूल्य एवं महंगाई
- 22 मौद्रिक प्रबंधान और वित्तीय स्थिरता
- 23 राजकोषीय स्थिति
- 24 2014-22 के दौरान विकास परिदृश्य