वस्तुओं के मूल्य एवं महंगाई
विभिन्न वैश्विक बाधाओं (युद्द, वैश्विक आपूर्ति सृंखला में बाधा आदि) के समग्र प्रभाव से वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति की दर में वृद्धि दर्ज की गई है। परन्तु भारत में मूल्यवृद्धि सरकार के प्रयासों से एक सीमा तक ही बढ़ी एवं पुनः सामान्य स्तर पर पहुँच गई।
- भारत में खुदरा मूल्यवृद्धि (Retail Inflation) दर अप्रैल 2022 में बढ़कर 7-8 प्रतिशत के उच्च स्तर पहुंच गई जो कि आरबीआई की 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से अधिक थी। हालाँकि यह वैश्विक स्तर पर न्यूनतम मूल्यवृद्धि दरों में से एक रही है।
- सरकार ने मूल्य वृद्धि को एक दायरे में रखने के लिए एक बहुआयामी ....
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- 1 अध्याय 13:जलवायु परिवर्तन और भारत
- 2 अध्याय 12:अवसंरचना
- 3 अध्याय 11: सेवाएं
- 4 अध्याय 10: मध्यम एवं लघु उद्योग
- 5 अध्याय 9: कृषि और खाद्य प्रबंधन
- 6 अध्याय 8: रोजगार और कौशल विकास
- 7 अध्याय 7: सामाजिक क्षेत्र
- 8 अध्याय 6: जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा स्रोतों में बदलाव को अपनाना
- 9 अध्याय 5: मध्य अवधि दृष्टिकोण- न्यू इंडिया के लिए विकास रणनीति
- 10 अध्याय 4: बाह्य क्षेत्र
- 11 अध्याय 3: कीमतें और मुद्रास्फीति
- 12 अध्याय 2: मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थता
- 13 अध्याय 1: आर्थिक स्थिति – स्थिर
- 14 पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
- 15 सामाजिक अवसंरचना और रोजगार
- 16 भौतिक और डिजिटल अवसंरचना
- 17 बाह्य क्षेत्र
- 18 सेवा क्षेत्र
- 19 उधोग एवं निवेश
- 20 कृषि एवं खाद्य प्रबंधन
- 21 मौद्रिक प्रबंधान और वित्तीय स्थिरता
- 22 राजकोषीय स्थिति
- 23 2014-22 के दौरान विकास परिदृश्य
- 24 आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22