अप्रैल, 2021 को श्रीलंका की अध्यक्षता में ‘बहु-क्षेत्रीय तकनीक और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल’ (BIMSTEC) की 17वीं मंत्री स्तरीय बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। भारत ने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने और संगठन को अधिक सुदृढ़, जीवंत, प्रभावी तथा परिणाम-उन्मुख बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई, ताकि सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत किया जा सके।
बैठक के प्रमुख निष्कर्ष
बैठक के दौरान सदस्य देशों द्वारा परिवहन संपर्क बढ़ाने से संबंधित बिम्सटेक मास्टर प्लान को अपनाने पर सहमति व्यक्त की गई। श्रीलंका द्वारा आयोजित पांचवें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में इसे अपनाने का लक्ष्य रखा गया जिससे इससे क्षेत्र का बेहतर एकीकरण हो सकेगा।
बिम्सटेक
उद्देश्यः आर्थिक विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना; सामाजिक प्रगति में तेजी लाना और क्षेत्र में आपसी हितों के मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देना।
महत्वः लगभग 1.5 बिलियन लोग या वैश्विक जनसंख्या का 22% बिम्सटेक के अंतर्गत आता है। इसका कुल सकल घरेलू उत्पाद 2.7 ट्रिलियन डॉलर है।
सहयोग के क्षेत्रः वर्तमान में संगठन में सहयोग के 15 क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है। इसमें व्यापार, प्रौद्योगिकी, कृषि, पर्यटन, मत्स्य पालन, ऊर्जा, और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर क्षेत्रीय सहयोग जैसे विषय सम्मिलित हैं।
पहला शिखर सम्मेलनः वर्ष 2004 में बैंकाक, थाईलैंड में आयोजन किया गया था।
वर्तमान परिदृश्य में बिम्सटेक की प्रासंगिकता
भारत के लिए बिम्सटेक का महत्व
बिम्सटेक से संबंधित चुनौतियां
आगे की राह
सदस्य देशों को आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में प्रस्तावित समझौतों को अपनाना चाहिए, इससे संगठन का विश्वास बढ़ेगा।