उभरती विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के संगठन ब्रिक्स ने वर्ष 2021 में, 15 वर्षों की यात्रा पूरी की है। ब्रिक्स राष्ट्राध्यक्षों के सम्मेलन की मेजबानी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 सितंबर, 2021 को की। जुलाई 2006 में जी-8 सम्मेलन के साथ रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में पहली ब्रिक (दक्षिण अफ्रीका इस समूह का पूर्ण सदस्य 2010 में बना) बैठक के इसके साथ ही 15 साल पूरे हो गए। इस यात्रा के दौरान इस संगठन ने विविध वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान में एक विकल्प प्रस्तुत किया है। वहीं संगठन को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है। ऐसे में इसकी स्थापना, इसकी उपलब्धियां तथा इसके प्रासंगिकता से सम्बन्धित कई मुद्दे इस संगठन के समक्ष उठ खड़े हुए है।
ब्रिक्स की उपलब्धियां
ब्रिक्स, विश्व की 5 उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर लाता है, जो वैश्विक जनसंख्या का 41%, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24%, वैश्विक व्यापार का 16% और विश्व की कुल भूमि के 29.3% क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है।
ब्रिक्स के लिए चुनौतियां
भू-राजनीतिक सहयोग के क्षेत्र में भारत ‘संयुक्त राज्य अमेरिका’ (USA) के नेतृत्व में पश्चिमी देशों के साथ गठबंधन में शामिल होना।
ब्रिक्स की प्रासंगिकता
ब्रिक्स अब विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक शक्तिशाली आवाज है। इस बैठक ने विकासशील देशों की चिंताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भी म की है।
भविष्य की राह