हाल ही में, विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) पर उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 से वर्ष 2030 की अवधि के लिए एक नई जनसंख्या नीति की घोषणा की है। इससे पूर्व राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा गुजरात राज्य ने भी जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का अनुपालन कर रहा है।
इस नीति की प्रमुख विशेषताएं
परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत जारी किए गए गर्भनिरोधक उपायों की सुलभता में वृद्धि के प्रयास करना और सुरक्षित गर्भपात के लिए एक उचित प्रणाली प्रदान करना।
जनसंख्या नियंत्रण नीति के पक्ष में तर्क
वर्तमान में, भारत की जनंसख्या विश्व की जनसंख्या का लगभ 17 प्रतिशत है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष 2027 तक चीन को पीछे छोड़कर विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बना जाएगा।
जनसंख्या नियंत्रण नीति के विरुद्ध तर्क
भारत का जनसंख्या स्थिरीकरण की ओर बढ़नाः NFHS-5 के तहत पहले चरण में जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का सर्वे किया गया उनमें से लगभग सभी में NFHS-4 के बाद से कुल प्रजनन दर (TFR) में कमी आई है। कुल 22 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में से 19 में प्रजनन दर घटकर (2.1) पर आ गई है या उससे कम प्रजनन क्षमता की प्रतिस्थापन दर प्राप्त कर ली है।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय