विभिन्न शिक्षाविदों के अनुभव तथा के- कस्तूरीरंगन समिति की सिफारिशों के आधार पर शिक्षा तक सबकी आसान पहुंच, समता, गुणवत्ता, वहनीयता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित नई शिक्षा नीति 2020 सतत विकास के लिये ‘एजेंडा 2030’ के अनुकूल है, जिसका उद्देश्य 21वीं शताब्दी की आवश्यकताओं के अनुकूल स्कूल और कॉलेज की शिक्षा को अधिक समग्र, लचीला बनाते हुए भारत को एक ज्ञान आधारित जीवंत समाज और वैश्विक महाशक्ति में बदलकर प्रत्येक छात्र में निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत आरंभ की गई प्रमुख पहल |
|
पहल |
पहल से जुड़े अन्य विवरण |
विद्या प्रवेश |
यह प्रथम कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल पूर्व तयारी कार्यक्रम है, जिसमें तीन माह का प्ले स्कूल आधारित शैक्षणिक मोडड्ढूल होगा। |
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट |
यह एक डिजिटल बैंक से भांति होगा,जिसमें पंजीकृत उच्चतर शिक्षा संस्थान उनके द्वारा संचालित कोर्सेज हेतु छात्रों के एकडेमिक बैंक खाते में क्रेडिट जमा करेगा। यह बहुविषयक और समग्र शिक्षा को सुविधाजनक बनाने हेतु एक प्रमुख साधन होगा। |
राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षण संरचना |
यह डिजिटल अवसंरचना विकसित करने के लिए विविध शिक्षा परितंत्र व्यवस्था प्रदान करेगा, जो संघीय परन्तु अंतर्संचालानीय प्रणाली होगी। यह विद्यालय शिक्षा की योजना निर्माण, प्रशासन एवं अभिशासन में केंद्र और राज्यों दोनों के लिए उपयोगी होने के साथ ही एक निर्बाध डिजिटल शिक्षा का अनुभव प्राप्त करने में शिक्षकों, छात्रों और विद्यालयों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगी। |
निष्ठा 2.0 |
इसके अंतर्गत शिक्षकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही लगभग 10 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। |
राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम |
यह तकनीकी आधारित हस्तक्षेपों पर केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों को प्रमाण आधारित स्वतंत्र परामर्श प्रदान करेगा। |
नई शिक्षा नीति 2020 की विशेषताएँ
नई शिक्षा नीति 2020 को कार्यान्वित करने से सम्बंधित चुनौतियाँ