नॉन फ़ंजिबल टोकनः डिजिटल अर्थव्यवस्था का नया उभार

नॉन-फंजिबल टोकन (Non-Fungible Token: NFT) एक अद्वितीय, अपरिवर्तनीय टोकन है, जिसका उपयोग संगीत, कलाकृति, यहां तक कि ट्वीट और मीम (memes) जैसी डिजिटल परिसंपत्तियों के स्वामित्व को साबित करने के लिए किया जा सकता है, अर्थात् वैसी सम्पति जिसका मालिकाना हक किसी खास व्यक्ति के पास है तो उसे NFT यानी नॉन-फंजिबल टोकन कहा जाता है।

विशेषता

यह एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन है जो किसी यूनिक चीज को दर्शाता है। किसी व्यक्ति के पास नॉन-फंजिबल टोकन का होना यह दर्शाता है कि उसके पास कोई अद्वितीय या प्राचीन (एंटीक) डिजिटल आर्ट वर्क है जो दुनिया में और किसी के भी पास नहीं है।

  • नॉन-फंजिबल टोकन यूनिक टोकन्स होते हैं या यूं कहा जाए कि ये डिजिटल असेट्स होते हैं जो वैल्यू को जनरेट (उत्पन्न) करते हैं, एक NFT को दूसरे NFT के साथ विनियमन नहीं किया जा सकता है क्योंकि दोनों अलग हैं।
  • प्रत्येक टोकन का एक अलग मूल्य होता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
  • NFT 2021 में लोकप्रिय हुआ, जब कलाकारों द्वारा इसे अपने काम से कमाई करने के एक सुविधाजनक तरीके के रूप में देखा जाने लगा।
  • NFT लेन-देन ब्लॉकचेन पर दर्ज किए जाते हैं, जो एक डिजिटल सार्वजनिक खाता बही है, जिसमें अधिकांश NFT इथेरियम ब्लॉकचेन का हिस्सा हैं। ब्लॉकचेन पर एक डिजिटल परिसंपत्ति के स्वामित्व का पंजीकरण करना NFT कहलाता है।
  • NFT एक नई तरह की वित्तीय प्रणाली का एक हिस्सा है, जिसे विकेंद्रीकृत वित्त (decentralised finance) कहा जाता है, जो बैंकों जैसे संस्थानों की भागीदारी को दूर करता है।

कार्य प्रणाली

  • नॉन-फंजिबल टोकन का इस्तेमाल डिजिटल असेट्स या सामानों के लिए किया जा सकता है जो एक-दूसरे से अलग होते हैं। इससे उनकी कीमत और यूनिकनेस साबित होती है। ये वर्चुअल गेम्स से आर्टवर्क तक हर चीज के लिए स्वीकृति प्रदान कर सकते हैं। नॉन-फंजिबल टोकन को स्टैंडर्ड और ट्रेडिशनल एक्सचेंजेज में ट्रेड नहीं किया जा सकता है। इन्हें डिजिटल मार्केटप्लेस में खरीदा या बेचा जा सकता है।

चुनौतियाँ

कॉपीराइट का मुद्दाः नॉन फंजिबल टोकन में निवेश करने का सबसे बड़ा जोखिम कॉपीराइट से सम्बन्धित है। संभव है जिसे हमने असली (ओरिजिनल) और अद्वितीय (यूनिक) माना, वह किसी और से प्रभावित हो या फिर चोरी की गई हो। ऐसे में अगर हम सेकेंड कॉपी के नॉन फंजिबल टोकन को खरीदते हैं तो फर्स्ट कॉपी वाला कॉपीराइट का मामला उठ सकता है।

  • पासवर्ड सम्बन्धी समस्याः यह वॉलेट में स्टोर होता है, तो पासवर्ड भूल जाने पर मुश्किलें होंगी।
  • कीमत सम्बन्धी अनिश्चितताः इसकी कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिलती है, साथ ही इसमें प्राइस मैनीपुलेशन का भी खतरा होता है।
  • मांग और आकार का कम होनाः नॉन फंजिबल टोकन का बाजार अभी कम है तथा इस टोकन में वॉल्यूम काफी कम है, डिमांड भी कमजोर है, शुरूआत में नॉन फंजिबल टोकन के रूप में ज्यादातर आर्ट, म्यूजिक, वीडियो जैसे प्रोडक्ट दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ कोई अंडरलाइंग वैल्यू नहीं है, (जैसे मौत के बाद भी मकबूल फिदा हुसैन का आर्ट अमूल्य है।) ऐसे में निवेश के लिहाज से रिटेल निवेशकों को बचते हुए इसमें निवेश करना चाहिए।

नॉन-फंजिबल टोकन के नुकसान

चूंकि इसका पेमेंट क्रिप्टो करेन्सी में स्वीकार किया जा रहा है जो अभी भारत सरकार के द्वारा विनियमित नहीं किया गया है।

  • इसके ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होने के कारण इसमें ऊर्जा की खपत ज्यादा होगी, जो पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगा।
  • इसे हम भौतिक रूप में संरक्षित नहीं रख सकते हैं। किसी फिजिकल रूप में आर्ट या पेंटिंग को खरीदते हैं तो उसे हम घर लेकर आ सकते हैं, स्टोर करके रख सकते है। लेकिन नॉन-फंजिबल टोकन में ऐसे नहीं होता है।

महत्व

नॉन-फंजिबल टोकन की म से देश के कलाकारों का सशत्तफ़ीकरण किया जा सकता है।

  • अपने देश में आर्ट फूड, फैशन, कल्चर, स्टाइल जैसी कई चीजें यूनिक हैं। महिलाएं अपने हाथों से यूनिक पेंटिंग्स तैयार करती है। अभी उसकी उचित कीमत नहीं मिल पाती है लेकिन नॉन-फंजिबल टोकन टेक्नोलॉजी से अगर इसे लिंक कर दिया जाता है तो पूरी दुनिया से इसकी डिमांड आएगी और हर तरह के आर्टिस्ट के जीवन में आर्थिक सुधार होगा।
  • यह देश के कलाकारों तथा संगीतकारों को नया आर्थिक अवसर प्रदान करेगा।

भारतीय सन्दर्भ में नॉन-फंजिबल टोकन

भारत में नॉन फंजिबल टोकन कॉन्सेप्ट एकदम नया है। यहां पर इसे ट्रेंड पकड़ने में कुछ समय लग सकता है। नॉन-फंजिबल टोकन को भारत में लॉन्च करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज पहली भारतीय कम्पनी बनने की तैयारी में है, जिसे Dzazle नाम दिया जाएगा।

नॉन-फंजिबल टोकन का भविष्य

नॉन-फजिबल टोकन रिपोर्ट 2020 के अनुसार, वर्ष, 2020 में महामारी के दौरान नॉन-फंजिबल टोकन की बिक्री 100 मिलियन अमेरिकन डॉलर को पार कर गई। भारत में सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक रूपरेखा तैयार करने पर विचार कर रहे हैं।

  • नॉन-फंजिबल टोकन के उत्साही लोगों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि, नॉन-फंजिबल टोकन पारिस्थितिकी तंत्र क्रिप्टोकरेंसी का एक अनियमित बाजार है क्योंकि यह भारत में एक नई अवधारणा है। बाजार के प्रति उत्साही लोगों के अनुसार, नॉन-फंजिबल टोकन अगली बड़ी चीज हो सकती है जो एक दिन उस तरह से क्रांति ला सकती है जिस तरह से हम पैसे सम्पत्ति या किसी आभासी सम्पत्ति से सम्बन्धित लेन-देन को संचालित करते हैं।