भारत में फि़नटेकः संभावनाएं एवं चुनौतियां

वर्तमान समय में भारत के लोगों को वित्तीय सेवाओं तक अधिक और आसान पहुंच मिलने से भारत में डिजिटलीकरण में वृद्धि दर्ज की गई है तथा यह उपभोक्ताओं के वित्तीय व्यवहार को बदलने में महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि वे नकद लेन-देन के विकल्प के तौर पर ई-वॉलेट और यूपीआई का इस्तेमाल करने लगे हैं। अधिक न्यायसंगत, समृद्ध और वित्तीय रूप से समावेशी भारत बनाने के लिए डिजिटल भुगतान का विस्तार एक महत्वपूर्ण इंजन के रूप में कार्य कर सकता है। इस अलोक में फिनटेक के उदय ने वित्तीय समावेशन को गति दी है।

क्या है फिनटेक

फिनटेक वित्तीय प्रौद्योगिकी का संक्षिप्त रूप है जो ‘वित्त’ (FINANCE) और ‘प्रौद्योगिकी’ (TECHNOLOGY) से मिलकर बना है तथा विभिन्न डिजिटल और तकनीकी प्रगति में माध्यम से पारंपरिक वित्तीय सेवाओं को सरल व सुलभ बनाया जाता है।

फिनटेक का अर्थ वित्तीय तकनीक (फाइनैंशियल टेक्नोलॉजी) है और यह उन वित्तीय नवोन्मेष के बारे में बताता है जो तकनीक पर आधारित हैं।

  • डिजिटल पेमेंट, डिजिटल ऋण, बैंक टेक, इंश्योर टेक, रेगटेक (RegTech) क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) नियो बैंकिंग, बीमा हो या स्टॉक ब्रोकिंग आदि फिनटेक के कुछ प्रमुख घटक हैं।
  • इसमें क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म, मोबाइल भुगतान समाधान, ऑनलाइन पोर्टफोलियो प्रबंधन, धन हस्तांतरण आदि जैसी सेवाओं की एक श्रृंखला शामिल है।

भारत में स्थिति

  • चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत एशिया में फिनटेक (FinTech) के सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरा है जहां वैश्विक औसत 64% के मुकाबले 87% की फिनटेक अपनाने की दर है।
  • बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और फिक्की की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में फिनटेक क्षेत्र वर्ष 2025 तक 150-160 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो सकता है।
  • बेंगलुरू स्थित ट्रैक्शन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (Tracxn Technologies Limited) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में फिनटेक द्वारा कुल 9 बिलियन डॉलर जुटाए गए थे।

फिनटेक का उपयोग

इसका इस्तेमाल अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों जैसे, आयात-निर्यात, रोजगार सृजन, बीमा, ऋण वितरण, भुगतान, जमा आदि क्षेत्रों में किया जा रहा है।

  • ये कंपनियां वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता भी ला रही हैं। इससे क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का कार्य भी हो रहा है। इसके अंतर्गत ब्लॉकचेन तकनीक की म से लेन-देन के रिकॉर्ड को भी सुरक्षित रखा जा रहा है। शिक्षा, खुदरा बैंकिंग, पूंजी जुटाने, निवेश प्रबंधन आदि क्षेत्रों में भी फिनटेक के प्रयोग में तेजी आ रही है।
  • फिनटेक का उपयोग कंपनियों, व्यापार मालिकों और उपभोक्ताओं द्वारा विशेष सॉफ्टवेयर और एल्गोरिथम का उपयोग करके अपने वित्तीय संचालन और प्रक्रियाओं के साथ-साथ अपने जीवन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए किया जाता है।

फिनटेक नवाचार तकनीकें

अन्सर्ट एंड यंग (ERNST AND YOUNG) की एक रिपोर्ट (कैपिटल मार्केट्सः इनोवेशन एंड फिनटेक लैंडस्केप) में फिनटेक नवाचार को प्रोत्साहित करने वाली विभिन्न तकनीकों की पहचान की गई है, जो निम्नलिखित हैं-

  • क्लाउड प्रौद्योगिकी (Cloud Technology)
  • एडवान्सड एनालिटिक्स (Advanced Analitics)
  • ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी (Blockchain Technology)
  • स्मार्ट अनुबंध (Smart Contracts)
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence)
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things)
  • डिजिटल रूपांतरण (Digital Transformation)
  • रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन (Robotics Process Automation)

भारत में फिनटेक

भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ हाल के वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ते हुए फिनटेक हॉटस्पॉट के रूप में भी उभरा है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत में डिजिटल भुगतान प्रणालियों पेपरलेस लेंडिंग (PAPERLESS LENDING), मोबाइल बैंकिंग, सुरक्षित पेमेंट गेटवे, मोबाइल वॉलेट जैसी अवधारणाओं अपनाया गया है जिसने भारत में वित्तीय सेवाओं को अधिक सुविधाजनक बना दिया है।

  • उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा 57 विशिष्ट उद्योगों में 59,593 स्टार्टअप को मान्यता दी गई है, जिनमें से 1,860 स्टार्टअप फिनटेक क्षेत्र से संबंधित हैं।
  • दिसंबर 2021 तक भारत में 17 से अधिक ऐसी फिनटेक कंपनियां हैं, जिन्होंने ‘यूनिकॉर्न स्टेटस’ प्राप्त किया है।

यूनिकॉर्न

  • 1 बिलियन डॉलर से अधिक की वैल्यू वाले किसी निजी स्टार्ट अप कंपनी को वेंचर कैपिटल इंडस्ट्री यूनिकॉर्न (न्दपबवतद) कहा जाता है। यूनिकॉर्न मानव संसाधन (एचआर) क्षेत्र के भीतर भर्ती अवधारणा को भी संदर्भित कर सकता है। इस शब्द को पहली बार वेंचर कैपिटलिस्ट ऐलीन ली द्वारा 2013 में प्रयोग में लाया गया था। स्पेसएक्स, रोबिनहुड तथा इंस्टाकर्ट, होम-शेयरिंग कंपनी एयरबीएनबी, वीडियो गेम कंपनी एपिक गेम्स और फिनटेक कंपनी रोबिनहुड व एसओएफआई विश्व के प्रमुख यूनिकॉर्न है

भारत में फिनटेक क्षेत्र की संभावनाएं

सूचना तकनीकी का प्रसारः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुमान के अनुसार भारत में 676 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं, 1-2 बिलियन से अधिक दूरसंचार ग्राहक (वायरलेस + वायरलाइन) और 825 मिलियन इंटरनेट ग्राहक हैं, जिनमें से लगभग 39% ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित हैं (मार्च 2021 तक)।

  • डिजिटल भुगतान का बढ़ता दायराः डिजिटल भुगतान से संबंधित लेन-देन की कुल संख्या, वित्त वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 5,554 करोड़ हो गई है।
  • वित्तीय समावेशन का विस्तारः सरकार द्वारा विभिन्न पहलों के माध्यम से फिनटेक के अनुकूल वातावरण का निर्माण किया जा रहा है जैसे- जैम ट्रिनिटी [ट्रिनिटी (जनधन योजना, आधार, मोबाइल)], डिजिटल केवाईसी तथा विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को प्रोत्साहन आदि।

ग्राहक अनुभव और पारदर्शिता में सुधारः फिनटेक स्टार्टअप सहूलियत, पारदर्शिता, व्यक्तिगत और व्यापक पहुँच तथा उपयोग में सुलभता जैसी सुविधाएँ प्रदान कर ग्राहकों को सशक्त बनाता है तथा बिग डेटा, मशीन लर्निंग, ऋण जोखिम के निर्धारण हेतु वैकल्पिक डेटा का लाभ उठाकर इस क्षेत्र का विकास किया जा सकता है।

फिनटेक को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार के प्रयास

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) का क्रियान्वयन कर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण , लाभार्थियों के नए बैंक खाते खुलवाकर भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है।
  • बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली आधार के माध्यम से जनता की सरकारी डिजिटल सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित की गई है।
  • इंडिया स्टैक नामक सामाजिक से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र
  • हेतु सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।
  • एकीकृत भुगतान इंटरफेस (न्च्प्) को भारत में डिजिटल भुगतान का समर्थन करने वाले एक एकीकृत भुगतान प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया गया है।
  • रिजर्व बैंक ने पीयर-टू-पीयर (च्ममत जव च्ममत-च्2च्) उधारदाताओं हेतु नियामक ढांचा पॉइंट ऑफ सेल (च्वपदज वि ैंसम) भुगतान स्वीकृति (भौतिक और डिजिटल दोनों रूप में) हेतु बुनियादी ढांचे को तैयार किया है तथा पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (च्प्क्थ्) नामक योजना का आरम्भ किया है।
  • आरबीआई द्वारा एक रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (त्ठप्भ्) भी बनाया है, जिसका उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र के संस्थानों, प्रौद्योगिकी उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर वित्तीय क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है।
  • गुजरात के गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में विश्व स्तरीय फिनटेक हब विकसित किया गया है, जिसका लक्ष्य भारत को वैश्विक फिनटेक हब बनाना है।

फिनटेक क्षेत्र से संबंधित चुनौतियां

  • डेटा लीक और गोपनीयताः वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में डेटा लीक और सूचना की चोरी काफी बड़े पैमाने पर होती है। डेटा फिनटेक की रीढ़ है। डेटा की सुरक्षा के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करना सर्वोपरि है।
  • विनियमन संबंधी समस्याः उभरती हुई प्रौद्योगिकियों को
  • अपनाने के साथ उसका विनियमन उतना ही जटिल हो जाता है।
  • हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन में इस समस्या को देखा जा सकता है।
  • साइबर सुरक्षाः बढ़ता हुआ डिजिटल लेनदेन साइबर सुरक्षा खतरे को उतना ही सुभेद्य बनाता है। भारत में डिजिटल लेन-देन बढ़ने के साथ-साथ डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से ठगी जैसी घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।
  • इसके अतिरिक्त सरकार को लोगों को डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही डेटा सुरक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर लोगों के मध्य फिनटेक को अधिक विश्वसनीय बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

फिनटेक की क्रांति जहा अवसरों का एक नया विश्व खोलती है, वहीं विनियामकों व पर्यवेक्षकों के लिए जोखिम और चुनौतियां भी पेश करती है। इस विकास-क्रम की संभावनाओं के पूर्ण दोहन के लिए आवश्यक है कि इन जोखिमों को जल्द चिह्नित किया जाए और उनसे संबंधित वियामक व पर्यवेक्षी चुनौतियों को कम करने के लिए कदम उठाए जाएं।