भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचेम) के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021 में तीव्र सुधार दर्ज किया गया है तथा यह अर्थव्यवस्था V-आकार में वृद्धि कर रही है।
V-आकार का सुधार (V-shaped recovery)
अर्थव्यवस्था में वी-आकार का सुधार, एक प्रकार की आर्थिक मंदी और उसकी रिकवरी है जो किसी अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट के बाद तेजी से सुधार की स्थिति को प्रदर्शित करता है तथा यह ग्राफ में ‘V’ आकार में प्रदर्शित होता है।
वर्तमान में ट-आकार के सुधार के कारण
आर्थिक मंदी में सुधार के अन्य प्रमुखख प्रारूप
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अर्थव्यवस्था की K शेप रिकवरी
किसी अर्थव्यवस्था में K शेप रिकवरी वह प्रक्रिया है जिसमें किसी मंदी के बाद नई तकनीक या बड़ी पूंजी वाली मजबूत कंपनियों की स्थिति छोटे कारोबारियों और लघु उद्योगों की तुलना में ज्यादा तेजी से सुधरती है।
प्रभाव
वर्तमान मौद्रिक नीति का प्रभाव
टीकाकरण का प्रभाव
COVID-19 के बाद आर्थिक पुनर्बहाली
वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 7% हो गया है, जो पूर्व-महामारी लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद के 3.5% का दोगुना है। इसलिये सरकार उच्च ईंधन करों, विनिवेश और सिन टैक्स को प्रोत्साहित कर रही है।
क्या है इकोनॉमिक रिकवरी
K-शेप्ड इकोनॉमिक रिकवरी
K-शेप्ड इकोनॉमिक रिकवरी तब होती है, जब मंदी के बाद अर्थव्यवस्था के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग दर, समय या परिमाण में ‘रिकवरी’ होती है। यह विभिन्न क्षेत्रों, उद्योगों या लोगों के समूहों में समान ‘रिकवरी’ के सिद्धांत के विपरीत है।
COVID-19 के बाद ‘K-शेप्ड रिकवरी’ के निहितार्थ
निचले वर्ग के परिवारों को नौकरियों और मजदूरी में कटौती के रूप में आय का स्थायी नुकसान हुआ है, अगर श्रम बाजार में तेजी से सुधार नहीं होता है तो यह मांग पर आवर्ती दवाब बढ़ाएगा।