उभरती हुई नवीन प्रौद्योगिकियों के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा

हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्री ने शीघ्र ही स्वदेश निर्मित एंटी-ड्रोन तकनीक उपलब्धता की बात कही है, जिससे पाकिस्तान की सीमा से सटे क्षेत्रों में सामना की जा रही ड्रोन संबंधी चुनौतियों से निपटा जा सकेगा।

  • वर्तमान समय में पाकिस्तान के ड्रोन सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार समस्या उत्पन्न कर रहा है, जिससे निपटने के लिए देश की सुरक्षा एजेंसियां इस स्थिति से निपटने के उपायों पर विचार-विमर्श कर रही है।
  • उभारत हुई नवीन प्रौद्योगिकियों के से आशय उन प्रौद्योगिकियों से है, जो वर्तमान में विकसित हो रही हैं, या जिनके अगले पांच से दस वर्षों के भीतर उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके साथ ही यह उन प्रौद्योगिकियों के लिए भी प्रयुक्त होती है, जिनके द्वारा महत्वपूर्ण सामाजिक या आर्थिक प्रभाव उत्पन्न किया जा रहा है या उत्पन्न करने की उम्मीद है।
  • प्रमुख वैश्विक शक्तियों के लिए तकनीकी नवाचार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है। आधुनिक छोटे हथियार, स्टेल्थ तकनीक, परमाणु हथियार, ड्रोन तथा निर्देशित मिसाइल जैसे हथियारों का विकास करने और इन्हें सेना में शामिल करने से देश की सुरक्षा सशक्त हुई है।

उभरती प्रौद्योगिकियां और राष्ट्रीय सुरक्षा

  • प्रभावशाली विरोधीः उभरती हुई तकनीक से विरोधी भी अधिक सुलभ तरीके से हथियार प्रणाली विकसित कर सकते हैं तथा भारत को आतंरिक सहित सभी युद्ध में चुनौती दे सकते हैं।
  • आतंकवादी खतरेः उभरती तकनीक आतंकवादी खतरे को और बढ़ाने के कार्य कर सकते हैं।
  • उदाहरणस्वरूप हाल ही में जम्मू के वायु सेना के स्टेशन पर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोंस द्वारा हमला किया गया था। इन ड्रोंस पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस लगाए गए थे। इसके अतिरिक्त आतंकवादियों के लिए परमाणु हथियार प्राप्त करने की संभावना से परमाणु सामग्री या अन्य महत्वपूर्ण अवसंरचना वाले केन्द्रों की सुरक्षा के समक्ष खतरा उत्पन्न हो रहा है।
  • दुर्भावनापूर्ण देशों और गैर-राज्य अभिकर्ताओं से खतराः वर्तमान समय में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में तीव्र और प्रभावी प्रगति हो रही है, जिससे विश्व द्वारा डिजिटल नेटवर्क संचार व लेनदेन को बढ़ावा मिल रहा है।
  • इससे दुर्भावनापूर्ण देशों और गैर-राज्य अभिकर्ताओं दोनों के द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले खतरों में वृद्धि हुई है।
  • उदाहरण के लिए ISIS और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा अपना प्रभाव बढ़ाने तथा सहयोगियों की भर्ती के लिए फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब व अन्य प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन संचार का उपयोग कर रहे हैं।
  • अन्य खतरेः नई तकनीकों और मौजूदा प्रौद्योगिकियों के नए अनुप्रयोगों द्वारा श्रम बाजारों को बाधित तथा स्वास्थ्य, ऊर्जा व परिवहन प्रणालियों को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किए जा रहे हैं।
  • उभरती प्रौद्योगिकी के सन्दर्भ में भारत द्वारा किया गया प्रयास नई और उभरती सामरिक प्रौद्योगिकी प्रभागः हाल ही में, विदेश मंत्रालय द्वारा नई और उभरती सामरिक प्रौद्योगिकी प्रभाग का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के सन्दर्भ में विदेश नीति व अंतरराष्ट्रीय कानून से सम्बंधित पहलुओं से निपटना है।
  • नेशनल क्वांटम टेक्नोलॉजी एंड एप्लीकेशन मिशनः इसकी घोषणा वर्ष 2020 में संचार, कम्प्यूटिंग, सामग्री विकास और क्रिप्टोग्राफी के उद्देश्य से क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए की गई।
  • राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मिशनः इसका आरम्भ वर्ष 2015 में किया गया था, जिसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक पूरे देश में 73 स्वदेशी सुपर कंप्यूटर स्थापित करना है।
  • रक्षा साइबर एजेंसी और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठनः ये देश के विरुद्ध साइबर जोखिमों और खतरों से मुकाबला करने हेतु प्रणालियों को प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है।
  • हैण्ड-हेल्ड थर्मल इमेजरः यह भारतीय सुरक्षा बालों को प्रदान किए गए हैं, जिसका प्रयोग अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा की निगरानी सहित सुरक्षा संबंधी अनेक गतिविधियों में किया जा रहा है।
  • अन्यः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर केन्द्रित कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम और संज्ञानात्मक प्रौद्योगिकियां एवं स्मार्ट सामग्री जैसी प्रौद्योगिकियां स्थापित की गई है।