लोक कूटनीति से संबंधित एक महत्वपूर्ण धारणा मृदुल शक्ति (Soft Power) का विचार है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पिछले कुछ वर्षों में मृदुल शक्ति का विचार लोकप्रिय हो रहा है। मृदुल शक्ति शब्द का सबसे पहले प्रयोग अमेरिका के विद्वान जोसेफ नाई ने अपनी पुस्तक बाउंड टू हेडः द चेंजिंग नेचर ऑफ अमेरिकन पावर में किया था, जिसका प्रकाशन 1990 में हुआ था। जोसेफ नाई ने इस धारणा का विधिवत विश्लेषण 2004 में प्रकाशित अपनी एक अन्य पुस्तक सॉफ्ट पावरः द मीन्स टू सक्सेस इन वर्ल्ड पालिटिक्स में किया था। तब से लोक कूटनीति के क्षेत्र में मृदुल शक्ति की धारणा लोकप्रियता प्राप्त कर रही है।
क्या है सॉफ्टपावर
मृदुल शक्ति का तात्पर्य किसी राष्ट्र द्वारा बाध्यता या भुगतान के स्थान पर अपने प्रति आकर्षण के द्वारा इच्छित वस्तु को प्राप्त करने की योग्यता से है। दूसरे शब्दों में मृदुल शक्ति का मुख्य तत्व अपने प्रति दूसरों का आकर्षण है जिससे दूसरे प्रभावित होकर आपका अनुसरण करते हैं तथा आपकी बातों का पालन करते है।
सॉफ्ट पावर के आयाम
सॉफ्ट पावर के रूप में वैक्सीनः भारत ने सबसे पहले अपने पड़ोसी देशों को वैक्सीन देने के साथ वैक्सीन मैत्री पहल की शुरुआत की। मालदीव, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार के साथ, मॉरीशस और सेशेल्स के साथ साथ खाड़ी के देशों, अफ्रीकी क्षेत्रों से लेकर कैरिकॉम देशों तक वैक्सीन की आपूर्ति करने का उद्देश्य छोटे और अधिक कमजोर देशों की म करना था। तथा भारत की यह नीति वैक्सीन राष्ट्रवाद के संकल्पना से विपरीत है।
लाभः भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के साथ साथ सॉफ्ट पावर की नीति को मजबूती मिलेगी तथा इससे भारत अपने निकटवर्ती पड़ोसी देशों व हिंद महासागर के देशों में दीर्घकालिक ख्याति अर्जित कर सकेगा।
रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक भलाई के लिए भारतीय कूटनीति के पांच स्तंभ
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सॉफ्ट पावर के रूप में धर्मः भारत की धार्मिक विरासत तथा धार्मिक विविधता बहुत बड़ी पूंजी है क्यूंकि इसके माध्यम से बौद्ध धर्म के माध्यम से वह आसियान से स्वभाविक रूप से जुड़ जाता है तथा पूर्व की और देखो और एक्ट ईस्ट नीति को सफल बना लेता है तथा भारत की वसुधैव कुटुम्बकम तथा अहिंसा का धर्म इसे वैश्विक स्तर पर आक्रमणकारी तथा आक्रामक देश के स्थान पर शांतिपूर्ण सहअस्तिव वाला देश समझा जाता है
सॉफ्ट पावर के रूप में नॉलेज इकॉनमीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा ब्राजील के अमेजोनिया-1 (।उ्रंवदपं-1) (Amzaonia-1) उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया गया है। कुछ दिनों पूर्व, भारत ने ब्राजील को कोविड-19 की वैक्सीन निर्यात किये जाने की अनुमति दी थी।
सॉफ्ट पावर के रूप में भारत का मजबूत आयाम
चुनौतियाँ
भारतीय मदुल शक्ति के उक्त विपुल संसाधनों के साथ भारत में नकारात्मक छवि के भी कुछ तत्व उपलब्ध है। अभी भी भारत में गरीबी, बेरोजगारी, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता आदि की गंभीर चुनौतियां विद्यमान है।
आगे की राह
बढ़ती बहुध्रूवीय विश्व व्यवस्था में भारत को खुद को स्थापित करने में सॉफ्ट पवार की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है क्यूंकि ‘हार्ड पॉवर’ एक सीमा से अधिक उपयोग नहीं किया जा सकता है, वर्तमान में परमाणु शक्ति तथा आर्थिक प्रणाली की मजबूती को देखते हुए सॉफ्ट पावर भारत की विदेश नीति के लिए सबसे उपयुक्त साधन है ताकि भारत बिना आर्थिक हानि उठाये वैश्विक पहचान को स्थापित कर सकें।
भू-राजनीतिक विचारों को एक तरफ रखते हुए यह समझना अनिवार्य है कि वैक्सीन कूटनीति रणनीतिक रूप से भारत के एक जिम्मेदार वैश्विक नेता के रूप उभरने का मौका है।
21वीं सदी के शुरुआती वर्षों में विदेश पर अपनी निर्भरता कम करने के साथ ही भारत ने दूसरे देशों के विकास में मगार बनकर विश्व व्यवस्था में अपनी पहचान स्थापित कर सकेगा वर्तमान गंभीर स्वास्थ्य संकट के समय में भारत का यह कदम न केवल उसे वैश्विक नेतृत्व की भूमिका का अनूठा अवसर देता है, बल्कि दुनिया में बीजिंग की आक्रामक छवि का प्रभावशाली जवाब भी देता है। भू-राजनीतिक विचारों को एक तरफ रखते हुए यह समझना अनिवार्य है कि वैक्सीन कूटनीति रणनीतिक रूप से भारत के एक जिम्मेदार वैश्विक नेता के रूप उभरने का मौका है।