वर्तमान समय में भारत द्वारा अपने पड़ोसी देशों में वैक्सीन की सहायता से मालदीव को जल सहायता और श्रीलंका को आर्थिक आपातकाल जैसे समय में सहायता प्रदान किया है जो भारत की नई कूटनीति को दर्शाता है।
इस आलोक में कहा जा सकता है की भारत ने अपने ट्रैक 2 कूटनीति के दायरे का विस्तार किया है। ‘ट्रैक-2 (Track-2) कूटनीति का तात्पर्य है कि दोनों देशों के मध्य संबंधों को सुधारने के लिए गैर-सरकारी समूहों व व्यक्तियों को शामिल किया जाना।
विदेश नीति के साधन
वस्तुतः किसी भी देश की विदेश नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के दो प्रमुख साधन है-
भारत और लोक कूटनीति
लोक कूटनीति क्या है
राष्ट्रीय हितों की प्राप्ति में कूटनीति की भूमिका
लोक कूटनीति की विशेषतायें
विदेश नीति तथा उसके कार्यक्रमों के बारे में जनता को बताना और उसका समर्थन प्राप्त करना है।
परम्परागत कूटनीति |
लोक कूटनीति |
इस कूटनीति का संचालन दो देशों के सरकारी प्रतिनिधियों के बीच होता है। |
दोनों देशों के मध्य संबंधों को सुधारने के लिए गैर-सरकारी समूहों व व्यक्तियों को शामिल किया जाता है |
दूसरे पक्ष के सरकारी दृष्टिकोण को अपने पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास किया जाता है- |
जनमत तथा गैरसरकारी समूहों के माध्यम से अपनी नीतियों व कार्यक्रमों के लिए समर्थन प्राप्त किया जाता है। |
इसमें सरकारी संचार माध्यमों का प्रयोग होता है, |
इसमें सामाजिक मीडिया के साधन का भी प्रयोग किया जाता है। |
वर्तमान में नई लोक कूटनीति (New Public Diplomacy) के सिद्धांत व व्यवहार का प्रचलन हुआ है लोक कूटनीति में जहां सरकार द्वारा गैर-सरकारी समूहों की भागीदारी से विदेश नीति में जनता का समर्थन प्राप्त किया जाता है।
वहीं नई लोक-कूटनीति का संचालन केवल गैर-सरकारी माध्यमों तथा गैर-सरकारी अभिकर्ताओं के बीच होता है। नई लोक-कूटनीति में सरकारी अभिकर्ता अनुपस्थित रहते हैं। वैश्वीकरण के युग में निजीकरण तथा उदारीकरण की जो प्रक्रिया चल रही है, उससे नई लोक कूटनीति को बढ़ावा मिला है।
लोक कूटनीति के साधन
सामान्य तौर पर लोक कूटनीति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी उपलब्ध संचार साधनों को अपनाती है। इसका उद्देश्य इन् साधनों के माध्यम से जनता के दृष्टिकोण में इस तरह का परिवर्तन लाना है कि वह विदेश नीति तथा राष्ट्रीय हितो के अनुकूल हो जाये। लोक कूटनीति द्वारा अपनाये जाने वाले विभिन्न साधन है जैसे-
भारतीय लोक कूटनीतिः गतिविधियां तथा क्षेत्र
2006 में ही लोक कूटनीति प्रभाग की स्थापना की गयी थी। इसके पहले इससे संबंधित कार्यों का निष्पादन विदेश मंत्रालय के बाह्य प्रचार प्रभाग द्वारा किया जाता था। इसकी विभिन्न गतिविधियों निम्न है।
डिजिटल कूटनीतिः लोक कूटनीति प्रभाग ने सोशल डिजिटल मीडिया जैस वेब 2.0. ट्विटर, फेसबुक आदि के महत्व को समझ लिया है तथा अपनी गतिविधियों में इन नये साधनों का उपयोग करना प्रारंभ कर दिया है।
बाह्य पहुंच कार्यक्रम (Outreach Programme): लोक-कूटनीति विभाग का यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसके अंतर्गत भारतीय विदेश नीति के समकालीन पहल पर विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में नियमित आधार पर व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है।
आगे की राह
यह कहा जा सकता कि भारत में लाक कूटनीति के महत्व व भूमिका को समझ कर इसके प्रभावी क्रियान्वयन के प्रयास किये जा रहे हैं। भारत की लोक कूटनीति की सफलता भारत की उभरती वैश्विक छवि को मजबूत बनाने तथा भारत के सामरिक व आर्थिक हितों प्राप्ति में सहायक सिद्ध होगी। भविष्य में लोक कूटनीति की गतिविधियों में वृद्धि की अपार संभावनायें मौजूद हैं।