सशक्त भारत के निर्माण में नवाचार का महत्व

हाल ही में भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 (A) का प्रयोग करते हुए चीन द्वारा निर्मित और संचालित 59 Apps, जिनमें टिकटॉक, शेयर इट, कैम स्कैनर इत्यादि शामिल हैं, को प्रतिबंधित कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इस प्रतिबन्ध का आधार डेटा सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को बताया है।

  • डिजिटल इंडिया देश में डिजिटल तरीके से सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये आवश्यक डिजिटल आधारभूत ढांचा खड़ा करते हुए डिजिटल सशक्तिकरण का माध्यम बन रहा है। एक ऐसे विश्व में जहां अब भौगोलिक दूरियां, बेहतर भविष्य के निर्माण में बाधा के रूप में नहीं रह गई है, भारत हर क्षेत्र में डिजिटल नवाचार का सशक्त केंद्र बन कर उभरा है।
  • वर्तमान में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था विश्व के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में अत्यधिक महत्व रखता है। डिजिटल अर्थव्यवस्था के युग में डेटा को हम 21वीं सदी की ‘मुद्रा’ (Currency) की संज्ञा दे सकते हैं।

डिजिटल अर्थव्यवस्था

  • आर्थिक व्यवस्था का वह स्वरूप जिसमें धन का अधिकांश लेन-देन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिग, मोबाइल पेमेंट तथा अन्य डिजिटल माध्यमों से किया जाता है, डिजिटल अर्थव्यवस्था कहलाती है।

भारत में नवाचार का महत्व

  • विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति 2013 ने अनुसंधान व विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने के लिए एक मजबूत वातावरण के निर्माण पर जोर दिया। इस नीति ने विज्ञान व प्रौद्योगिकी आधारित उच्च जोखिम नवाचारों में भागीदारी को प्रोत्साहित किया, जिसकी वजह से भारत ने विज्ञान से जुड़ी वैश्विक वृहत परियोजनाओं में अपनी भागीदारी बढ़ाई।
  • ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े एक लाख से अधिक गांव, 121 करोड़ मोबाइल फोन, लगभग 122करोड़ आधार और 50 करोड़ इंटरनेट सेवा का उपयोग करने वाले लोगों के साथ भारत अब दुनिया में प्रौद्योगिकी के साथ सहजता से जुड़ी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
  • भारत में हाईस्पीड इंटरनेट 5G तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ मोबाइल और लैपटॉप पर ब्राउजिंग तक सीमित नहीं रहेगा।
  • यह स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग से जुड़े क्षेत्रों में नए तकनीकी विकास करने में भी सक्षम होगी। तेज इंटरनेट स्पीड और कम लेटेंसी होने के कारण यह सर्वर रहित ऐप्लिकेशन्स, रिमोट कंट्रोल सर्जरी, कनेक्टेड स्मार्ट सिटी में भी उपयोगी साबित होगा।
  • आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है।
  • भारत का लक्ष्य मनुष्य केंद्रित आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का विकास करना है, जो समावेशी तरीके से मानवता को फायदा पहुंचा सके।
  • वर्तमान में तकनीकी दक्ष अर्थव्यवस्था देश की विदेश नीति के निर्धारण में प्रमुख भूमिका निभा रही है। साइबर सुरक्षित भारत की 5G इंटरनेट तकनीकी विकासशील देशों के साथ संबंध निर्धारण में महत्वपूर्ण कारक सिद्ध होगी।

भारत में नवाचार से सम्बंधित चुनौतियाँ

  • आवश्यक संरचना का अभावः एसेचिम और डेलाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार नीतियों में अस्पष्टता व ढांचागत कठिनाइयों के कारण महत्त्वाकांक्षी डिजिटल पारिस्थितिकी का सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करना प्रमुख चुनौती हैं। इसके साथ ही बार-बार नेटवर्क कनेक्टिविटी का अवरुद्ध होना भी प्रमुख चुनौतियां है।
  • डिजिटल डिवाइडः वर्तमान समय में, देश में 50 हजार से अधिक गांव ऐसे हैं, जहां मोबाइल कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जो डिजिटल विकास में बाधक है। डिजिटल पारिस्थितिकी के विकास के लिये सुदूर गांवों में भी पर्याप्त कनेक्टिविटी उपलब्ध कराकर डिजिटल डिवाइड को खत्म करने की जरूरत है।
  • डेटा संरक्षण संबंधी चुनौतियाँ: 21वीं सदी में डेटा, मुद्रा के समान महत्वपूर्ण है। भारत की विशाल जनसंख्या के कारण कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां (गूगल, अमेजन) अपनी पहुंच बनाने की कोशिश कर रही हैं। इसलिये डेटा संप्रभुता, डेटा स्थानीयकरण और इंटरनेट गवर्नेंस आदि से संबंधित मुद्दों का समाधान आवश्यक है।
  • साइबर सुरक्षा का मुद्दाः भारत में मौजूदा सूचना प्रौद्योगिकी कानून साइबर अपराधों को रोकने के लिहाज से अधिक प्रभावी नहीं है। एटीएम कार्ड की क्लोनिंग के अलावा, बैंक अकाउंट का हैक हो जाना, डेटा और गोपनीय जानकारी हैकर्स तक पहुंच जाने की शिकायतें समय-समय पर सामने आती रहती हैं। ऐसे में जब तक साइबर अपराधों को लेकर कानून में कठोर प्रावधान शामिल नहीं किये जाएंगे, तब तक डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को वह रफ्तार नहीं मिल पाएगी, जो अपेक्षित है।
  • डिजिटल साक्षरताः सेवाओं के डिजिटल प्रावधान में सफलता कई अंतर्निहित कारकों पर निर्भर है, जिसमें डिजिटल साक्षरता, शिक्षा और स्थिर और तेज दूरसंचार सेवाओं तक पहुंच शामिल है। इन मुद्दों का समाधान किये बिना सेवाओं के बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण के परिणामस्वरूप मौजूदा असमानताओं में वृद्धि हो सकती है।

नवाचार की दिशा में सरकार द्वारा किया गया प्रयास

राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशनः राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन की शुरुआत वर्ष 2020 तक भारत के प्रत्येक घर में कम-से-कम एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षर बनाने के उद्देश्य से की गई, जिसका उद्देश्य तकनीकी दृष्टि से निरक्षर वयस्कों की म करना है।

  • ई-कॉमर्स नीतिः ई-कॉमर्स के क्षेत्र में उपभोत्तफ़ा संरक्षण, डेटा गोपनीयता और हितधारकों हेतु समान अवसर उपलब्ध कराने जैसी समस्याएं प्रमुख रही हैं।
  • इन्हीं समस्याओं हेतु उचित समाधान प्रस्तुत करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय इर्-कॉमर्स एक रणनीति तैयार करती है, जो घरेलू निर्माताओं और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के हितों को भी ध्यान में रखती है, साथ ही ऑनलाइन बाजार को उनके लिये बराबरी का क्षेत्र बनाना चाहती है।
  • व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019: व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019को व्यापक विचार-विमर्श के लिये संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है। व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून एक व्यापक कानून है, जो व्यक्तियों को इस बात पर अधिक नियंत्रण देने का प्रयास करता है कि उनका व्यक्तिगत डेटा कैसे एकत्रित, संग्रहीत और उपयोग किया जाता है।
  • राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018: इसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को 50 Mbps की गति से सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है, जिसे बढाकर वर्ष 2022 तक 10 Gbps की कनेक्टिविटी प्रदान करना।
  • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013: सरकार द्वारा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 जारी की गई, जिसके तहत अति-संवेदनशील सूचनाओं के संरक्षण के लिये ‘राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र’ (NCIIPC) का गठन किया। भारत सूचना साझा करने और साइबर सुरक्षा के संदर्भ में सर्वोत्तम कार्य प्रणाली अपनाने के लिये अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल जैसे देशों के साथ समन्वय कर रहा है।