​विशेष श्रेणी के राज्य: अतिरिक्त वित्त की मांग

केंद्र द्वारा विशेष श्रेणी के दर्जे(SCS) का निर्धारण 1969 में पाँचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया था। पूर्व में योजना आयोग की राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा योजना के तहत सहायता के लिये विशेष श्रेणी का दर्जा प्रदान किया गया था।

  • वर्तमान समय तक असम, नगालैंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम, उत्तराखंड और तेलंगाना सहित 11 राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया।
  • हालांकि, 14वें वित्त आयोग ने इस श्रेणी को हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन कुछ राज्य अभी भी इस तरह का विशेष दर्जा मांगते हैं।

अतिरिक्त वित्त की मांग

  • केन्द्रीय सहायता: ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |