विकेंद्रीकृत शासन को प्रोत्साहन: छठी अनुसूची की भूमिका
विकेंद्रीकृत शासन (Decentralized Governance) एक ऐसा तंत्र है जो सत्ता और उत्तरदायित्व को स्थानीय स्तर पर विभाजित करता है, ताकि स्थानीय समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर किया जा सके।
- यह व्यवस्था न केवल शासन की प्रभावशीलता को बढ़ाती है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी उनकी स्वायत्तता और भागीदारी का अधिकार देती है।
- भारत में विकेंद्रीकृत शासन को बढ़ावा देने में छठी अनुसूची (Sixth Schedule) की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
- छठी अनुसूची उत्तर-पूर्वी भारत के कुछ राज्यों के अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों के लिए है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में विकेंद्रीकृत शासन को प्रोत्साहित करना और स्थानीय जनजातीय समुदायों को उनकी सांस्कृतिक, ....
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मुख्य विशेष
- 1 पंचायती राज संस्थानों का वित्तीय सशक्तीकरण : उपाय और चुनौतियां
- 2 भारत में सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का महत्व
- 3 विशेष श्रेणी के राज्य: अतिरिक्त वित्त की मांग
- 4 राज्यपालों की विवेकाधीन शक्तियां
- 5 नागरिक चार्टर: महत्वपूर्ण अंतराल और सुधारों की आवश्यकता
- 6 डिजिटलीकरण: स्थानीय सरकारों के लिए एक गेम चेंजर
- 7 भारत के आपराधिक कानून में बदलाव: आपराधिक न्याय प्रणाली पर प्रभाव