लोक सेवा मूल्यों के समक्ष चुनौतियां
समकालीन लोक सेवा के क्षेत्र में मूल्यों के समक्ष कई चुनौतियां हैं, जो निम्नलिखित के संदर्भ में उत्पन्न होती हैं-
- शासन के नए तरीके (New Modes of Governance)
- बाजार प्रेरित सुधार (Market Induced Reforms)
- ‘राजनीतिकरण’ (Politicization)
- विकेंद्रीकरण/स्थानांतरण (Decentralization/Transfer)
- मानव संसाधन प्रबंधन तथा भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तन(Changes in Human Resource Management and Recruitment)
- सूचना तथा संचार तकनीक से उत्पन्न चुनौतियां
शासन के नए तरीके
सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों में आए परिवर्तनों ने शासन संबंधी प्रक्रियाओं तथा तरीकों में बदलाव उत्पन्न किए हैं। इन बदलावों के कारण लोक सेवा के पारंपरिक मूल्यों के समक्ष चुनौती उत्पन्न की है।
- नौकरशाही की पारंपरिक वेबरियन अवधारणाओं जैसे- पदानुक्रम (Hierarchy), योग्यता (Eligibility), ‘अवैयक्तिकता’ ....
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संबंधित सामग्री
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- 2 भारत में लोक सेवा मूल्यों की स्थिति
- 3 लोक सेवा में मूल्यों का विकास
- 4 मूल्यों का संघर्ष
- 5 लोक सेवा के लिए महत्वपूर्ण मूल्य
- 6 लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
- 7 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
- 8 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 9 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 10 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
मुख्य विशेष
- 1 स्थानीय स्वशासन ग्रामीण विकास की बुनियाद
- 2 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
- 3 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
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