स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
राजस्व के स्रोतों की कमी
ग्राम पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है परन्तु इनके राजस्व के स्रोत सीमित है। पंचायतों के आय का मुख्य स्रोत गाँव के बाजारों तथा मेलों पर लगाया जाने वाला कर, पशु तथा वाहनों पर लगाया जाने वाला कर, संबंधित क्षेत्र के तालाबों में मत्स्य पालन से होने वाली आय, पशुओं की रजिस्ट्रेशन फीस, नालियों, सड़कों की सफाई तथा रोशनी के लिये लिया जाने वाला कर आदि है। लेकिन इन राजस्व के स्रोतों की वसूली भी बहुत ही अनियमित है।
- अतः पंचायतों को अनुच्छेद 270 के अनुसार केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिश के आधार ....
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संबंधित सामग्री
- 1 लोक सेवा में मूल्यों का संकट
- 2 भारत में लोक सेवा मूल्यों की स्थिति
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- 4 लोक सेवा मूल्यों के समक्ष चुनौतियां
- 5 मूल्यों का संघर्ष
- 6 लोक सेवा के लिए महत्वपूर्ण मूल्य
- 7 लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
- 8 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
- 9 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 10 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
मुख्य विशेष
- 1 स्थानीय स्वशासन ग्रामीण विकास की बुनियाद
- 2 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
- 3 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 4 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
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