मूल्यों का संघर्ष
लोक सेवा से संबंधित कार्य तथा निर्णय ‘गतिशील वातावरण’ (Dynamic Atmosphere) में संपन्न किए जाते हैं। बदलती सामाजिक-आर्थिक तथा राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार इस वातावरण में भी परिवर्तन आता है।
- लोक सेवा में विभिन्न संस्थाओं के जटिल नेटवर्क, विकेंद्रीकृत शासन संरचनाएं, ‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी’ (PPP), ‘गैर सरकारी संगठन’ (NGO), सलाहकार संगठन तथा सरकार के विभिन्न अंग सम्मिलित होते हैं। इस वातावरण में कभी-कभी आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक मूल्य लोक प्रशासकों के ‘व्यावसायिक मूल्यों’ (Professional Values) के विरोध में आ जाते हैं।
- मुख्यतः लोक सेवा में तीन प्रकार के मूल्य संघर्ष होते हैं:
- व्यक्ति के भीतर ‘अंतरावैयक्तिक मूल्य संघर्ष’
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संबंधित सामग्री
- 1 लोक सेवा में मूल्यों का संकट
- 2 भारत में लोक सेवा मूल्यों की स्थिति
- 3 लोक सेवा में मूल्यों का विकास
- 4 लोक सेवा मूल्यों के समक्ष चुनौतियां
- 5 लोक सेवा के लिए महत्वपूर्ण मूल्य
- 6 लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
- 7 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
- 8 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 9 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 10 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
मुख्य विशेष
- 1 स्थानीय स्वशासन ग्रामीण विकास की बुनियाद
- 2 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
- 3 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 4 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 5 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
- 6 लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
- 7 लोक सेवा के लिए महत्वपूर्ण मूल्य
- 8 लोक सेवा मूल्यों के समक्ष चुनौतियां
- 9 लोक सेवा में मूल्यों का विकास
- 10 भारत में लोक सेवा मूल्यों की स्थिति
- 11 लोक सेवा में मूल्यों का संकट