ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम अर्थात् मनरेगा को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (NREGA-नरेगा) के रूप में प्रस्तुत किया गया था। वर्ष 2010 में नरेगा (NREGA) का नाम बदलकर मनरेगा (MGNREGA) कर दिया गया। वर्तमान में यह सामाजिक सुरक्षा रणनीति के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक बन गया है।
- मनरेगा कार्यक्रम के तहत प्रत्येक परिवार के अकुशल श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों के लिये 100 दिन का गारंटीयुक्त रोजगार, दैनिक बेरोजगारी भत्ता और परिवहन भत्ता (5 किमी. से अधिक दूरी की ....
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- 5 मूल्यों का संघर्ष
- 6 लोक सेवा के लिए महत्वपूर्ण मूल्य
- 7 लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
- 8 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 9 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 10 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
मुख्य विशेष
- 1 स्थानीय स्वशासन ग्रामीण विकास की बुनियाद
- 2 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
- 3 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 4 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 5 लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
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