लोक सेवा में मूल्यों का विकास
सार्वजनिक क्षेत्र में एक प्रमुख चुनौती कार्मिकों के लिए मूल्यों का ‘सुसंगत सम्मुचय’ (Compatible set) उपलब्ध कराने की होती है, जिनके माध्यम से किसी ‘सार्वजनिक संगठन / संस्थान / कार्यालय’ (Public Organization/Institution/Office) में कार्य कर रहे कार्मिकों के समक्ष मार्ग निर्देशन के संदर्भ में कोई ‘भ्रांति’(Confusion) ना हो।
- किसी संगठन या संस्थान में मूल्यों के विकास में ‘अनौपचारिक संचार’ (Informal Communication) तथा ‘औपचारिक संचार’ (Formal Communication) दोनों का ही महत्व है।
- नए कर्मचारियों को मूल्यों का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए औपचारिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। इसमें ‘केस ....
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संबंधित सामग्री
- 1 लोक सेवा में मूल्यों का संकट
- 2 भारत में लोक सेवा मूल्यों की स्थिति
- 3 लोक सेवा मूल्यों के समक्ष चुनौतियां
- 4 मूल्यों का संघर्ष
- 5 लोक सेवा के लिए महत्वपूर्ण मूल्य
- 6 लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
- 7 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
- 8 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 9 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 10 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
मुख्य विशेष
- 1 स्थानीय स्वशासन ग्रामीण विकास की बुनियाद
- 2 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
- 3 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 4 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 5 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
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