गरीबों की वास्तविक संख्या का पता लगाने के उद्देश्य से अरबिंद पनगढ़िया के नेतृत्व वाली टास्क फोर्स की सिफारिश के बाद सरकार ने सुमित्र बोस के नेतृत्व में एक समिति गठित की, जिसकी रिपोर्ट मार्च 2018 में प्रस्तुत की गई।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना को आधार बनाकर देश में गरीबों की गणना की जानी चाहिये। इसमें संसाधनहीन लोगों को शामिल किया जाए तथा जो संसाधन युक्त हैं, उन्हें इसमें शामिल न किया जाए।