स्वतंत्रता प्राप्ती के बाद भारत में निर्धनता रेखा के निर्धारण का पहला अधिकारिक प्रयास योजना आयोग द्वारा जुलाई 1962 में किया गया।
योजना आयोग (जिसे अब नीति आयोग के नाम से जाना जाता है) द्वारा इस कार्य के लिए एक अध्ययन दल का गठन किया गया था।
इस कार्यदल ने 1960-61 मूल्य पर ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए किसी आधार को स्पष्ट किए बिना प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 20 रुपया न्यूनतम उपभोग व्यय का सुझाव दिया।