इस मामले में न्यायालय ने जनहित याचिकाओं और न्यायिक सक्रियता के द्वारा समाज के कुछ वर्गों के लोगों को अदालत तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने का प्रयास किया।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए न्यायालय ने जन सेवा की भावना से भरे नागरिक, सामाजिक संगठन और वकीलों को समाज के जरूरतमंद और गरीब लोगों की ओर से याचिकाएं दायर करने की अनुमति दी।