रंगराजन समिति (2012)

योजना आयोग ने 2012 में सी- रंगराजन की अध्यक्षता में मेथडालजी फॉर मेंजरमेंट ऑफ पावरटी की समीक्षा के सम्बन्ध में एक समिति का गठन किया।

  • इस समिति ने अपनी रिपोर्ट जून 2014 में आयोग को सौंपी। यह समिति फिशर निर्देशांक के प्रयोग द्वारा भविष्य में गरीबी रेखा की अघनता (Updatation) की संस्तुति करती है।
  • रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं: रंगराजन समिति ने ग्रामीण तथा शहरी गरीबी की गणना करने के लिए लकड़ावाला समिति की पद्धति पर विचार किया।
  • समिति ने अखिल भारतीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र के लिए 972 रुपया तथा शहरी क्षेत्र के लिए 1407 रुपया प्रतिव्यक्ति मासिक उपभोग व्यय को गरीबी रेखा के रूप में वर्णित किया तथा 2011-12 के मूल्य पर 5 लोगों के परिवार के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लिए 4860 रुपया और शहरी क्षेत्र के लिए 7035 रुपया उपभोग व्यय गरीबी रेखा के रूप में आयेगा।
  • समिति के अनुसार 2011-12 में ग्रामीण जनसंख्या 30.9 प्रतिशत तथा शहरी जनसंख्या का 26.4 प्रतिशत व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे थे, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर 29.5 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे रह रहे थे।
  • गरीबी रेखा को संतोषजनक पर्याप्त पोषण, वस्त्र, मकान, शिक्षा तथा अन्य गैर-खाद्य वस्तुओं पर व्यय के मानक स्तर पर आधारित होना चाहिए।