वर्ष 2100 तक भारत समेत अमेरिका, कनाडा, जापान, न्यूजीलैंड, रूस और ब्रिटेन जैसे सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएं जलवायु परिवर्तन के असर से अछूती नहीं रहेंगी। कुछ समय पूर्व कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की एक शोध टीम ने 174 देशों के वर्ष 1960 के बाद जलवायु संबंधी आंकड़ों का अध्ययन किया है।
प्रमुख बिंदु
वित्तीयन के जरिये जलवायु परिवर्तन संकटों का प्रबंधन करना आज उतना ही आवश्यक एवं महत्वपूर्ण हो गया है, जितना कि अन्य उपाय हैं। जलवायु वित्तीयन (Climate Finance) स्थानीय, राष्ट्रीय और पार-राष्ट्रीय वित्तीयन (Transnational Finance) को दर्शाता है।
जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु भारत की रणनीति
राष्ट्रीय कार्ययोजना में प्रमुख रूप से आठ राष्ट्रीय मिशन शामिल हैं, जो जलवायु परिवर्तन में महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये बहुआयामी, दीर्घकालिक और एकीकृत रणनीतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।