संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने रियो + 20 सम्मेलन में ब्लैक कार्बन सहित अन्य शार्ट लिव्ड क्लाइमेट फोर्सर्स (Short lived Climate forcers-SLCFs) पर विभिन्न राष्ट्रों का ध्यान आकर्षित करने की घोषणा की। दूसरी ओर यूरोपीय संसद ने भी एक प्रस्ताव पारित कर एस-एल-सी-एफ- को कम करने का आह्नान किया। ब्लैक कार्बन घास व जीवाश्म ईंधन को जलाने से उत्पन्न होता है और यह कार्बन डाईऑक्साइड की तुलना में 680 गुना ऊष्मा को घेरने की क्षमता रखता है। ब्लैक कार्बन द्वारा सृजित सबसे बड़ी समस्या उसके द्वारा सूर्य विकिरण को अवशोषित करने की क्षमता है जो आस-पास की हवा को गर्मी प्रदान करता है। जब ये ब्लैक कार्बन अपशिष्ट हमारे ग्रह के बर्फीले क्षेत्रें पर गिरते हैं तब ये न केवल बर्फ को तीव्र गति से पिछलने में सहायता करते हैं बल्कि सूर्य के विकिरण को वापस वायुमंडल में कम परावर्तित करते हैं।