यूएनएफसीसीसी के सातवें सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था कि क्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज्म में भागीदारी करने वाले पक्षों को अपने-अपने यहां एक सीडीएम प्राधिकरण की स्थापना करनी चाहिए। इसके पश्चात भारत ने भी अन्य देशों की तरह ही राष्ट्रीय क्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज्म प्राधिकरण की स्थापना की है। यह प्राधिकरण क्योटो प्रोटोकॉल के आदर्शाें के अनुरूप पर्यावरण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। साथ ही यह प्राधिकरण निर्धारित शर्तों एवं दिशा निर्देशों के तहत सीडीएम परियोजनाओं का मूल्यांकन कर उन्हें अनुमति भी प्रदान करता है।