भुलाए जाने का अधिकार
‘भुलाए जाने का अधिकार’ (Right to be Forgotten), इंटरनेट, वेबसाइट्स या किसी अन्य प्लेटफॉर्म में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध व्यक्तिगत जानकारी के प्रासंगिक न रहने की स्थिति में उसे हटाने का अधिकार है।
- वर्ष 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में निर्णय दिया कि निजता के अधिकार में भुलाए जाने का अधिकार और अकेले रहने देने का अधिकार (Right to be Left Alone) शामिल है।
- वर्तमान में यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया आदि देश भुलाए जाने के अधिकार के समेकन की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं। यूरोपीय संघ में राइट टू बी फॉरगॉटन, जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन ....
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मुख्य विशेष
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