स्नातकोत्तर डॉक्टरों को 2 वर्ष की बॉन्ड अवधि पूरी करना अनिवार्य

हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय ने सरकारी कॉलेजों में स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों की इस प्रवृत्ति की कड़ी आलोचना की है कि वे अपनी पढ़ाई के बाद 2 वर्ष तक सरकारी अस्पतालों में सेवा देने के लिए बॉन्ड पर हस्ताक्षर तो कर देते हैं, लेकिन बाद में इस दायित्व से बचने का प्रयास करते हैं।

  • मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि गरीबों के संसाधनों से प्रशिक्षित डॉक्टर उनकी सेवा करने से मना नहीं कर सकते। न्यायालय ने अपने निर्णय में मेडिकल स्नातकों के लिए सरकारी चिकित्सा संस्थानों में अनुबंधित सेवा पूर्ण करने की बाध्यता को बरकरार ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

नियमित स्तंभ