दक्षिण-दक्षिण सहयोग से अर्थ दुनिया के विकासशील देशों में तकनीकी सहयोग से है जिसके जरिए सदस्य देश अंतरराष्ट्रीय संगठन शिक्षाविद् नागरिक समाज और निजी क्षेत्र आपस में मिलकर काम करते हैं और ज्ञान कौशल और सफल उपक्रमों को साझा करते हैं।
यह सहयोग मुख्य रूप से कृषि विकास, मानवाधिकार शहरीकरण स्वास्थ्य जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों पर केंद्रित है। दक्षिण-दक्षिण सहयोग, विकासशील देशों के बीच तकनीकी, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक आदि क्षेत्रों में सहयोग को भी बढ़ावा देता है।
सहयोग का महत्व
उत्तर-दक्षिण सहयोग
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ब्यूनस आयर्स प्लान ऑफ एक्शन+40: 18 सितंबर, 1978 को संयुक्त राष्ट्र के 138 सदस्य देशों ने अर्जेंटीना में ‘ब्यूनस आयर्स प्लान ऑफ एक्शन’ (BAPA) को पारित किया जो विकासशील देशों में तकनीकी सहयोग बढ़ाने के नजरिए से किया गया था। इस योजना के माध्यम से अल्प विकसित देशों- दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित अधिकांश देश- के आपस में मिल जुलकर काम करने का रास्ता भी तैयार हुआ।