भारत आसियान सम्बंध की वास्तविक शुरुआत 1991 में आसियान द्वारा भारत को क्षेत्रक वार्ता भागीदार का दर्जा प्रदान किये जाने से हुआ। क्षेत्रक वार्ता भागीदार का अर्थ है- भारत को कुछ सीमित क्षेत्र में सहयोग का अवसर दिया जाए। उस समय यह सहयोग सांस्कृतिक पर्यटन जैसे क्षेत्र तक सीमित था। 1994 में इसमें विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी को जोड़ दिया गया। वर्ष 2002 में कम्बोडिया में आसियान भारत सम्मेलन हुआ जिसके बाद आसियान भारत सम्बंध एक नई उच्चता की ओर बढ़ा। उसके बाद से ही भारत आसियान संबंध शिखर वार्ता वार्षिक आधार पर होने लगा।