18वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन

भारत और आसियान (ASEAN-India Relations), दो सबसे बड़े और समृद्ध क्षेत्रों में से एक हैं। भारत की आबादी लगभग 1-3 अरब है, वहीं, आसियान देशों की आबादी इससे आधी से कुछ कम है। ये बुनियादी सूचकांक इस बात का इशारा करते हैं कि एशिया (ASIA) के क्षेत्रीय परिवेश में भारत और आसियान दो उभरती हुई ताकते हैं। दोनों के पास काफी असरदार क्षमताएं हैं, जो आगे चलकर अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ और जापान जैसी अन्य ताकतों के लगभग बराबर के दर्जे पर पहुंचने की संभावना रखती हैं, इसलिए दोनों के बीच के सम्बन्धों का अध्ययन महत्वपूर्ण हो जाता है।

18वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन (18th ASEAN-India Summit) में भाग लिया। शिखर सम्मेलन आभासी माध्यम से आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हस्सनल बोल्किया द्वारा की गई।

मुख्य बिंदुः भारत-आसियान साझेदारी की 30वीं वर्षगांठ के महत्व को रेखांकित करते हुए वर्ष 2022 को भारत-आसियान मैत्री वर्ष घोषित किया गया है।

  • भारत ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 महामारी के विरुद्ध लड़ाई में आसियान की पहलों को समर्थन जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
  • भारत ने आसियान सांस्कृतिक विरासत सूची की स्थापना के लिए समर्थन की घोषणा की।
  • भारत द्वारा भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते को संशोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। कोविड-19 के पश्चात व्यापार, निवेश, आर्थिक सुधार, आपूर्तिश्रृंखलाओं में विविधीकरण और लचीलेपन लाने की आवश्यकता है।
  • दक्षिण चीन सागर और आतंकवाद सहित साझा हितों और चिंताओं से जुड़े क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की गई।
  • दोनों पक्षों ने नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना शामिल है।