समझौते का उद्देश्य

  • सदस्य देशों के बीच टैरिफ को कम करना।
  • इसमें शामिल प्रत्येक देश के उत्पादों और सेवाओं को एक-दूसरे के लिए सुगम बनाना।
  • एक आधुनिक, व्यापक, उच्च गुणवत्ता वाले पारस्परिक लाभकारी आर्थिक भागीदारी को स्थापित करना।
  • वस्तुतः इसका मुख्य लक्ष्य आसियान और इसके मुक्त व्यापार समझौते के भागीदार सदस्यों के बीच व्यापार-नियमों को उदार व सरल बनाना है।

भारत का पक्षः 2017 में भारत 16 देशों के साथ इसमें हस्ताक्षरकर्ता था, परन्तु नवंबर 2019 में आसियान+3 शिखर सम्मेलन के दौरान आरसीईपी से बाहर हो गया था, जिसका मुख्य कारण मुक्त व्यापार समझौते के बाद आसियान, कोरिया एवं जापान के साथ भारत का व्यापार घाटा होना था। 14 नवंबर, 2020 में वियतनाम में हुए समझौते से भारत बाहर रहा।

भारत के बाहर रहने का कारणः भारत सरकार द्वारा लम्बे समय से किसान, व्यापारी संगठन तथा देश के समस्त छोटे-बड़े किसान व्यापारी संगठनों द्वारा किए जा रहे विरोध तथा इस समझौते से उत्पन्न कई आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए भारत अभी इसमें शामिल नहीं हुआ। उक्त 15 में से 11 देशों के साथ भारत का व्यापार घटा है (चीन के साथ 536 डॉलर है)।

प्रभाव

  • इस समूह में शामिल देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों के प्रभावित होने की आशंका है तथा भारत को व्यापार के मौके कम हो सकते हैं।
  • हिंद-प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया-भारत-जापान के संबंधों को प्रभावित होने की आशंका है।
  • अगर भारत शामिल होता तो कोरोना काल में सप्लाई-चेन पर प्रभाव पड़ता तथा भारत को घरेलू बाजार की क्षमता बढ़ाने और इस्तेमाल करने का मौका नहीं मिलता।
  • भारतीय कंपनियों को अपने उत्पाद बेचने हेतु एक बड़ा बाजार उपलब्ध नहीं हो सकेगा।
  • प्रधानमंत्री मोदी के समयकाल में ही भारत की (Look East Policy) पूर्व की ओर देखो के स्थान पर “Act East Policy” की शुरूआत की गयी। इसका तात्पर्य यह है कि भारत अब ‘‘जानने की सीमा’’ (Limit of Knowing) पार कर चुका है इसलिये अब ‘क्रियान्वयन की स्थिति’ (Act Mode) में आ जाना चाहिए। भारत को पूंजी, (Capital) प्रौद्योगिकी (Technology) संसाधन, (Resource) ऊर्जा बाजार और कौशल (Enterprise) एक सुरक्षित वातावरण, पड़ोसियों का शान्तिपूर्ण व्यवहार तथा एक स्थिर वैश्विक प्रणाली (Stable Global System) की आवश्यकता है।’ इस नीति पर आगे जाने के लिए रास्ता '3C' अर्थात् Commerce (वाणिज्य), Culture (संस्कृति) और Connectivity (जुड़ाव) से होकर जाता है।