यह संगठन चीन के प्रभाव को कम कर उसकी शक्ति को संतुलित करने में सहायक साबित होगा तथा पूर्वी एशिया से सम्बन्धित हितों, हिन्द महासगर क्षेत्र की सुरक्षा, और एक्ट ईस्ट पॉलिसी को मजबूत करने में एक प्रभावी मंच का कार्य करेगा।
इस संगठन के सदस्यों के बीच संयुक्त संयुक्त सैन्य अभ्यास, सामरिक सूचना का आदान-प्रदान से रक्षा क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहन मिलेगा तथा भारत को वित्तीय समस्या, नौसैन्य क्षमता, सैन्य जासूसी और तकनीकी एवं निगरानी क्षमता को दूर करने में सहायता प्राप्त होगा। भारत को साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष और समुद्री क्षेत्र की गतिविधि की निगरानी में मदद प्राप्त होगी।
यह चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का मुकाबला करने के लिए भारत और अन्य तीन राष्ट्रों की सहायता करता है। क्योंकि भारत ने BRI में शामिल होने से मना कर दिया गया है।
इस समूह के माध्यम से भारत, हिंद महासागर क्षेत्र में स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स की चीन की नीति को बेहतर तरीके से प्रतिसंतुलित कर सकता है।
महत्व
दुनिया की तेल आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा हिंद महासागर के माध्यम से होर्मुज के जलडमरूमध्य से जाता है। उन तेल आपूर्ति की सुरक्षा पूरे क्षेत्र की समृद्धि के लिए आवश्यक है। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रतिद्वंद्विता भी है।
हिंद महासागर बहुत में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करता रहा है लेकिन भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सहित देशों के इस समूह द्वारा इस तरह के प्रयासों का विरोध किया जा रहा है।