प्री-2020 एजेंडा के तहत विकसित देशों को क्योटो प्रोटोकॉल की दूसरी अवधि (KP II) की प्रतिबद्धता को अनुमोदित करना है। इसके अंतर्गत विकसित देशों को ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी करनी है और विकासशील देशों को वित्तीय व तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना है।