IPCC की छठी आकलन रिपोर्ट

अगस्त, 2021 में जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) ने अपनी छठी आकलन रिपोर्ट (AR6) का पहला भाग क्लाइमेट चेंज 2021: द फिजिकल साइंस बेसिस शीर्षक से जारी किया।

  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2050 तक वैश्विक शुद्ध-शून्य तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बनाए रखने के लिये न्यूनतम आवश्यकता है।

औसत सतही तापमानः पृथ्वी की सतह का औसत तापमान अगले 20 वर्षों (2040 तक) में पूर्व-औद्योगिक स्तरों (1.5 डिग्री सेल्सियस) और उत्सर्जन में तीव्र कमी के बिना सदी के मध्य तक 2 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाएगा।

नेट जीरो उत्सर्जन

‘नेट जीरो उत्सर्जन’ से तात्पर्य है सभी मानवजनित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (जैसे जीवाश्म-ईंधन वाले वाहनों और कारखानों से) को यथासंभव शून्य के करीब लाया जाना चाहिये। दूसरा, किसी भी शेष GHGs को कार्बन को अवशोषित (प्राकृतिक और कृत्रिम सिंक के माध्यम से) कर (जैसे- जंगलों की पुनर्स्थापना द्वारा) संतुलित किया जाना चाहिये। इस तरह मानवजनित कार्बन न्यूट्रल होगा और वैश्विक तापमान स्थिर होगा।